मारगांव की राह पर अब जले …गांव ?? पंचायत की शिकायतों पर कार्यवाही न होने से आक्रोशित ग्रामवासी

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मारगांव की तर्ज पर विरोध की उभरती आवाज

सरपंच पति राय सिंह तेकाम और सचिव पर आरोप

 

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 30 नवम्बर 2020, जिले की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों और सख्त कार्यवाही न होने से जनमानस अब ये बात कि –

हो गई है पीर पर्वत – सी पिघलनी चाहिए।
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

दुष्यन्त कुमार की ये पक्तिया जिले के आमजन मानस पर लिखी गई जैसी प्रतीत होती है। गांधी की कल्पना का ” पंचायती राज” आज भ्रष्टाचार में गले तक डूबा नज़र आ रहा है। यू तो देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार की बड़ी बड़ी कहानियां रोज दोहराई जाती है परन्तु पंचायती राज व्यवस्था में मचे भ्रष्टाचार का तांडव लोग देख सुन कर हजम करने की स्थिति में नहीं क्योंकि बेईमानी और भ्रष्टाचार की कितनी भी कहानियां लोग सुनकर भूल जाते हो पर अपने गांव, घर और पंचायत में उन्हें भ्रष्टाचार के साक्षात दर्शन होते है तब न बोलने वाला भी बोल उठता है इसके खिलाफ, यही वजह है कि ग्राम पंचायतों में मचे भ्रष्टाचार के खिलाफ आमजन और ग्रामीणजन जम कर मुखर होते जा रहे है। और तमाम सबूतों के भी जब पंचायत के चोरों पर प्रशासन कार्यवाही करने में हिचकता है जब इस संरक्षण के खिलाफ ग्रामजन सड़क पर उतरने मजबूर जो जाते है वजह बेहद साफ है उन तमाम लोगों की ईमानदारी को चुनौती जैसा प्रयोग है ये जो तमाम प्रमाणों के अपने हक और गलत के खिलाफ न्याय मांगने नौकरशाहों कि देहरी पर गुहार लगा कर थक चुके होते है।

मारगांव के बाद अब जलेगांव…..

पिछले लंबे समय से जिले की समनापुर जनपद की ग्राम पंचायत मारगांव में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद सा छिड़ा रहा और अब तक वहां का पूरा हिसाब नहीं हो सका है। रोजगार सहायक को तो पद से हटा दिया गया है पर तमाम शिकायतों और प्रमाणों के बाद भी सरपंच, सचिव और मुख्यत सरपंच पति के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही से बचता नजर आ रहा है जबकि इस माह के प्रारंभ में सड़क पर बैठे ग्रामीणों को जनपद के अधिकारियों ने तीन दिन में दोषी सरपंच को पद से हटाने का आश्वासन दिया था और सरपंच के खिलाफ शिकायतों के आधार पर जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही करते हुए जनपद के अधिकारी द्वारा सरपंच को पद से प्रथक किए जाने हेतु अपना अनुमोदन जिला पंचायत को भेज दिया था पर पूरा माह बीतने को है और प्रशासन अब तक कार्यवाही करने में सक्षम साबित हुआ है और प्राप्त जो रही जानकारी के अनुसार लोग कार्यवाही को ठन्डे बस्ते में डाले जाने के खिलाफ फिर कुछ ही रोज में सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे है।

डिंडोरी से बिछिया जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित समनापुर की मारगांव पंचायत के कुछ ही दूर और आगे पड़ने वाली अमरपुर जनपद की ग्राम पंचायत जलेगांव में भी कुछ इसी तरह की समस्या दिखाई देती है और इस पंचायत के सरपंच पर भी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी बताई जाती है पर शायद कार्यवाही की फाइल कोरांटाइन किए जाने से भ्रष्टाचार के इस संक्रमण के खिलाफ अब लोग लामबंद हो रहे है और संकेत है कि आने वाले दिसम्बर माह की शुरुआती तारीखों में विरोध दर्ज कराया जाएगा अल्टीमेटम भी प्रशासन को दिया जा रहा है और प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो मार गांव की तरह फिर विवाद की स्थितियां बे वजह निर्मित हो सकती है।

जलेगांव ग्राम पंचायत पर भ्रष्टाचार के आरोप, जांच प्रतिवेदन और कार्यवाही में हीलाहवाली और ग्रामीणों का अल्टीमेटम

जलेगांव ग्राम पंचायत की शिकायतों पर जांच के बाद अब तक कार्यवाही न होने से ग्रामीणजन आक्रोशित है जांच दल के सामने पूरे ग्रामवासियों ने सारे तत्व रखे थे और जांचकर्ताओं को तमाम प्रमाण भी ग्राम के लोगों ने उपलब्ध करवाए थे और वे अब जल्दी से जल्दी इस पर कार्यवाही चाहते है उनके आरोप और कार्यवाही न होने पर किए जाने वाले विरोध की रूपरेखा भी तय की जा रही है जो प्राप्त हो रही जानकारी के अनुसार निम्नानुसार है :-

अल्टीमेटम :- दिनांक 1दिसंबर 2020 दिन मंगलवार को सीईओ जिला पंचायत तथा जिला कलेक्टर कार्यालय में सरपंच सचिव तथा सहायक यंत्री उपयंत्री के ऊपर कार्यवाही लिखित जवाब तथा राशि की रिकवरी विषय में धरना प्रदर्शन किया जायेगा यदि प्रशासन तत्काल आदेश जारी नही करता।

दिनांक 22/08/2020 को जिला पंचायत CEO डिंडोरी, तथा जनपद CEO अमरपुर,जिला कलेक्टर, कमिशनर महोदय, विधायक शाहपुरा और CM helpline शिकायत क्रमांक 12027602 समस्त ग्रामवासी ग्राम पंचायत जलेगाॅव के निर्माण कार्यो के फर्जीवाडे की जाँच की माँग कर चुके है।

दिनांक 05/09/2020 तथा 14/09/2020 भौतिक निरीक्षण जनपद स्तरीय जाँच दल उपस्थित हुआ जाँच के दौरान निम्नलिखित सत्यता पाई गई :- जाँच में कुछ कार्यस्थल पर निर्माण कार्य नहीं पाया गया 6,06,750/- स्वीकृत राशि 6,45,200 खुद सरपंच पति के नाम पर का बिल लगाकर पूरी राशि आहरण की गई।

एक ही CC रोड़ को part 1 पंच परमेश्वर योजना से स्वीकृती राशि 7,30,000/- सिर्फ 154:80मीटर बनी है व part 2 सघन बस्ती विकास के नाम उसी मार्ग निर्माण के लिए 10,0000 स्वीकृत कराया और 10,11,000/- रुपए आहरण किया गया।

CC रोड़ कि स्वीकृत राशि 5,47,000/- निर्माण हुआ केवल 144:80 मीटर और कार्य के नाम पर राशि आहरण कर ली गई 13,30,500/-

इसके अतिरिक्त बहुत से निर्माण कार्यों जैसे पुलिया निर्माण कार्य, आंगनवाड़ी भवन, सामुदायिक भवन इत्यादि में drawing estimate के अनुसार कार्य नहीं किया गया और 50-60-70 ट्राली रेत 1000-1500बोरी सीमेंट के लाखो रूपए के बिल लगाये जो कि संभव नहीं है। कार्य की तकनीकी स्वीकृति मूल्यांकन और सत्यापन भी संदिग्ध है।

निर्माण कार्यों में स्वीकृत राशि से ज्यादा का राशि आहरण किया गया।

बिलों तथा जरूरी कागजात पर सरपंच पत्नी है किन्तु हस्ताक्षर सरपंच पति के द्वारा किए गए और सूचना व शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की अधिकारियों ने।

रेत और मुरम पर CGST लगाकर शासकीय राशि का आहरण किया गया।

बहुत से निर्माण कार्यो के बन लाखों रूपये के बिल उप्लब्ध नहीं है। किस मटेरियल का बिल है पता ही नहीं बस राशि आहरण कर ली गई है।

PM आवास तथा शौचालय निर्माण कार्य भी किसी हितग्राही का पूर्ण नहीं करवाया गया है और राशि आहरण कर ठेकेदारों को सौंप दी गई।

2 नवंबर 2020 जाँच की प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी है और अब तक लगभग 1महीना होने जा रहा है लेकिन कोई कार्यवाही नही की जा रही है। गौरतलब है कि जले गांव पंचायत की जांच प्रतिवेदन और कार्यवाही की जानकारी हमारे प्रतिनिधि सीईओ, जनपद पंचायत, अमरपुर से कई बार मांग चुके है किन्तु अभी जांच अधिकारी बीमार है, प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है जैसे गोलमोल जवाब जिम्मेदार अधिकारी देते रहे है जिससे साफ जाहिर होता है कि ग्राम पंचायत जले गांव में हुए लंबे चौड़े भ्रष्टाचार और भारी भरकम शिकायतों के बाद भी तत्वों को नकारा जा रहा है। जांच के बाद भले ही प्रतिवेदन नहीं प्राप्त हुआ हो पर जांच अधिकारियों ने पाए गए तत्वों और गड़बड़ियों से अधिकारी को अवगत तो कराया ही होगा तब शी घ्र कार्यवाही के बजाय लेट लतीफी जनपद की कार्यप्रणाली पर सवाल तो खड़े करती है।

अंत में इस पूरे हंगामे के बीच दुष्यन्त कुमार यह पंक्तियां भी गौरतलब है कि :

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं।
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

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