स्वीकृत राशि से अधिक व्यय के बाद भी नहीं बनी सड़क
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 12 जनवरी 2020, जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत ग्राम पंचायत मिडली के सरपंच सचिव द्वारा बगैर सड़क निर्माण करवाएं उसकी राशि का आहरण कर लिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत अंतर्गत पंच परमेश्वर योजना से सीसी सड़क निर्माण कार्य शीतलपानी मुख्य मार्ग से कौशल्या के घर तक लगभग 100 मीटर किया जाना था। जिसकी स्वीकृति 10/4/2017 में हुई थी लागत 2,36,000 रुपए , उक्त निर्माण कार्य का भुगतान ग्राम पंचायत द्वारा स्वीकृत राशि से लगभग दो गुना कर दिया गया है जबकि मौके पर सीसी रोड का निर्माण ही नहीं करवाया गया है।

इसकी जानकारी लेने पर सरपंच का कहना है कि उक्त स्थान पर सड़क बनना असंभव था इसलिए हमने दूसरे स्थान पर सड़क का निर्माण करवा दिया है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की न तो किसी को कोई जानकारी है न ही स्थान परिवर्तन का कोई प्रस्ताव पास किया गया। सरपंच का कहना कि है उस स्थान पर निर्माण करना संभव नहीं था तब तकनीकी स्वीकृति क्यों ली है? जिस स्थान पर सड़क बनाने का दावा उनके द्वारा किया जा रहा है उसी स्थान की स्वीकृति ली जानी चाहिए थी।
इस पूरे मामले में उन जिम्मेदार अधिकारियों की भी कलई खुलती है जिनके द्वारा निर्माण कार्यों का मूल्यांकन और भौतिक सत्यापन कर निर्माण राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र भी आंख बंद करके जारी कर दिए जाते है।
सरपंच के खाते में हुआ 2.96 लाख का भुगतान
एक ओर सरपंच अपनी सफाई दे रहे है और बिना प्रस्ताव के कहीं और सड़क का निर्माण कर दिए जाने की बात कह रहे है दूसरी ओर ऑनलाइन डाटा स्पष्ट करता है कि उक्त 2 लाख 36 रुपए की लागत से स्वीकृत सीसी रोड निर्माण कार्य हेतु 4.98 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। जिसमें 10/6/2017 को सरीफ खान के नाम 202000, 1/08/2017 को धोकल सिंह धुर्वे के नाम पर 189000 रू., 7/10/2017 को धोकल सिंह के नाम पर 107000 रुपए का भुगतान किया गया कुल मिलाकर सरपंच धोकल सिंह धुर्वे के खाते में 2,96,000 रुपए का भुगतान पंचायत द्वारा किया गया है, जो स्पष्ट करता है कि राशि का बंदरबाट कर लिया गया मौके से सीसी मार्ग गायब और स्वीकृत राशि से दुगनी राशि का भुगतान होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं होना तकनीकी अमले और जनपद के जिम्मेदार लोगों की गहरी नींद का उदाहरण मात्र है। पोर्टल पर उक्त सीसी सड़क निर्माण की फोटो भी पंचायत द्वारा लगाई गई है जबकि मौके पर सड़क का निर्माण ही नहीं हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मार्ग के न बनने से आवागमन में लोगों को असुविधा होती है फिर भी पंचायत द्वारा निर्माण कार्य नहीं करवाया गया है जबकि सरपंच के खाते में राशि का भुगतान पंचायत द्वारा किया गया है।
इस तरह से भ्रष्टाचार की बिल्कुल साफ कहानी पर भी गबन की राशि की वसूली हेतु जनपद कोई कार्यवाही न कर पाए तो प्रशासनिक क्षमता पर और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल तो उठेगे ही उठेगे।
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