गणतंत्र दिवस समारोह लाल परेड मैदान पर बैंड की धुन पर जवानों का कदमताल झांकियों में आत्मनिर्भर भारत की झलक

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जनपथ टुडे, भोपाल, 26 जनवरी 2021, राजधानी के लाल परेड मैदान पर 72 वें गणतंत्र दिवस के स्तरीय समारोह हर्ष फायर के बाद पुलिस बैंड की मधुर धुन के बीच आकर्षक संयुक्त परेड निकाली गई। बैंड पर देशभक्ति की धुन पर परेड में जवानों ने कदमताल किए यहां अलग-अलग टुकड़ियों ने परेड में हिस्सा लिया। एसटीएफ, जिला पुलिस बल, महिला पुलिस बल, होमगार्ड, जेल विभाग पुलिस बैंड स्वान दल समेत 11 टुकड़िया शामिल हुई।

इस साल गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कोरोना का भी असर दिखाई दिया कार्यक्रम में स्कूली बच्चे शामिल नहीं हो सके सिर्फ बैतूल का फोक डांस कलाकारों ने प्रस्तुत किया परेड में शामिल हो रहे जवान भी मास्क पहने नजर आए परेड में कमांडर 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रुत्कीर्ति सोमवंशी थे। इस बार गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा थे उन्होंने परेड की सलामी ली इस बार परेड में जो डिस्टेंस एक हाथ का रहता था वह दो हाथ का कर दिया गया।

 

इस बार टुकड़िया और झांकियां भी कम की गई। वहीं 3 साल के बाद पहली बार परेड में अश्वारोही दल भी शामिल रहा। कार्यक्रम में डीजीपी विवेक जौहरी, संभागायुक्त कवींद्र कियावत, कलेक्टर अविनाश लवानिया समेत पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। गणतंत्र दिवस की संदेश पुस्तिका में लव जिहाद कानून का जिक्र है। धर्म परिवर्तन करने से लेकर बेटियों को धोखा देने तक की बातें शामिल है। माफियाओं पर कार्यवाही को लेकर भी जिक्र किया गया‌।

आत्मनिर्भर भारत थी झांकियों की थीम

राजधानी में इस बार गणतंत्र दिवस पर केवल 15 विभागों की झांकियां शामिल हुई। पिछले साल 25 झांकियां शामिल की गई थीं। इस बार कोरोना के चलते झांकियों की संख्या कम की गई। गणतंत्र दिवस पर निकाली जाने वाली झांकियों में मुख्य थीम आत्मनिर्भर भारत रखी गई। इसमें कोरोनाकाल में किए गए कामों से लेकर मेट्रो तक की झलक नजर आई।

वन विभाग की झांकी में कोरोनाकॉल में काढ़ा या अन्य अन्य औषधि जो बनाई गई, उसका विवरण दिया गया। ग्लोबल स्किल पार्क भी दिखा, इस बार नगरीय प्रशासन की झांकी में मेट्रो दिखाया गया। इसमें प्रदेश में मेट्रो के बढ़ते जाल को रेखांकित किया गया। तकनीकी शिक्षा विभाग की झांकी में ग्लोबल स्किल पार्क की डिजाइन आधुनिक खेती और कौशल विकास परियोजना को शामिल किया गया। इसी के साथ माफिया के विरुद्ध उठाए कदम की झांकी आकर्षण का केंद्र रही।

दिव्यांगों के बुलंद हौसले कि जीती जागती तस्वीर इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की झांकी में दिखी सामाजिक न्याय विभाग ने समारोह के लिए ऐसी ही झांकी तैयार की जिसमें प्रदेश के उन दिव्यांगों को शामिल किया गया जिन्होंने अपने जुनून और आत्मबल से खुद को दूसरों से अलग लाकर खड़ा कर दिया। यह झांकी ऐसे ही 5 सामाजिक संस्थाओं के दिव्यांगों की कहानी को बयां कर रही थी। जो दिव्यांगता के बावजूद आत्मनिर्भर है, इस झांकी में भोपाल अरुषि, उद्दीन वेलफेयर, सोसाइटी, दिग्दशिका, विक्रम अग्निहोत्री और कबीर जनकल्याण समिति कल आए डेमोंस्ट्रेशन दिया गया पांच अलग-अलग गुप्त में दिव्यांगों के अनोखे कामों को लाइव दिखाया गया।

हाथ नहीं पैरों से चलाते हैं कार

झांकी में सबसे आगे थे विक्रम अग्निहोत्री के पहले दिव्यांग है जो सिर्फ पैरों से कार चलाते हैं 2016 में उन्हें हाथ ना होने के बावजूद पैरों से ड्राइविंग के लिए मोटर व्हीकल लाइसेंस मिला विक्रम ने बताया जब मैं 7 साल का था तब बिजली के तार की चपेट में आने से दोनों हाथ खराब हो गए थे पैरों से लिखना सीखा एलएलबी की डिग्री हासिल की और अब एक सफल आंत्रप्रेन्योर हैं।

आंखें नहीं लेकिन चलाते हैं कंप्यूटर

झांकी में दूसरे नंबर में नजर आएंगे दिव्यांग मुन्नालाल। मुन्नालाल आंखों से देख नहीं सकते लेकिन कुछ सीखने और आगे बढ़ने का जज्बा इनमें इतना था कि कंप्यूटर उतनी रफ्तार से चलाते हैं जितना कि कोई सामान्य व्यक्ति। यही वजह है, कि वे कलेक्ट्रेट में कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब कर रहे हैं। आज वह कई दिव्यांगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।

खुद की फिक्र छोड़ 120 दिव्यांगों को दिलाई जॉब

जब मुश्किलें सामने हो तो डरना नहीं चाहिए उनका मुकाबला करना चाहिए यही मूल मंत्र है। भोपाल कि पूनम श्रोती का। ऑस्टियोजेनिसिस बीमारी से पीड़ित पूनम 32 साल की है। ग्रामीण विकास महिला सशक्तिकरण और दिव्यांगों को बेहतर शिक्षा देने का काम कर रही है। उन्होंने 120 दिव्यांगों को प्रोफेशनल और सॉफ्ट स्किल्स को ट्रेनिंग दी है ताकि वह भी मार्केट में अपनी जगह बना सके। और परिवार को सपोर्ट करें।

खेल खेल में लगाए 3000 पौधे

अरुषि में दिव्यांग बच्चे लॉक डाउन के बाद से कैंपस में ही नर्सरी तैयार कर रहे हैं। वह छोटे पौधों को रोपना, मिट्टी तैयार करने जैसी स्टैप्स न सिर्फ सीख रहे हैं। बल्कि अपने दूसरे साथियों के साथ भी यह हुनर साझा कर रहे हैं। फल सब्जियां उगाना सीख रहे हैं, इनको खाने में इंट्रेस्ट बढ़े और इनको वेस्ट न करने को लेकर सेंसिटिव हो जाएं लगभग बच्चो ने परिसर में 3000 पौधे तैयार किए हैं

चाय पैकिंग की जिम्मेदारी

मानसिक पुनर्वास केंद्र संस्थान के 5 दिव्यांग ने झांकी में चाय की पैकिंग का डेमोंस्ट्रेशन दिया। केंद्र की कोर्डिनेटर उषा ने बताया, संस्था के पास एक बड़ी चाय कंपनी की पैकिंग यूनिट का काम है। पिछले 8 सालों से 30 मेंटली रितार्डेड युवा यहां काम कर रहे हैं। यह लोग रोजाना 1200 सौ से 1500 किलो चाय की पैकिंग करते हैं ।इसके लिए इन दिव्यांगों को पहले ट्रेनिंग भी दी जाती है।

विधानसभा भवन में लहराया तिरंगा मध्यप्रदेश 

विधानसभा भवन में भी तिरंगा फहराया गया। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपीसी झंडा वंदन किया। इस मौके पर एमपी विधानसभा के कर्मचारी मौजूद रहे। विधानसभा केपीएस एपीसी ने देश और प्रदेशवासियों को भी गणतंत्र दिवस शुभकामनाएं दी।

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