सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के अधिकारियों और परिवहनकर्ता की जुगलबंदी से सरकार को लग रहा करोड़ों का चूना ।

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डिंडोरी – जनपथ टुडे, 04/02/2020

सिविल सप्लाई कार्पोरेशन डिंडोरी के आधिकारियों द्वारा धान परिवहन कार्य हेतु अपने मनपंसद परिवहनकर्ता को उपकृत करने गुपचुप ढंग से परिवहन का कार्य सोपे जाने का नतीजा यह है कि अक्षम परिवहनकर्ता द्वारा बेखौफ होकर मनमाने ढंग से धान का परिवहन किया जा रहा है जिसके चलते खरीदी केन्द्रों में जमा बेतादात धान बिगड़ते मौसम से खराब होने की कगार पर हैं। पिछले दिनों लगातार बिगड़ते मौसम से धान प्रभावित होती रही है किन्तु विभाग द्वारा अब तक ठेकेदार पर कड़ाई से कोई कार्यवाही कभी नहीं की गई ।
बार – बार बरसात के चलते खरीदी केन्द्रों पर संग्रहित धान भीग रही है किन्तु परिवहनकर्ता द्वारा धीमी गति से परिवहन किया जा रहा । जिसके चलते लाखो रुपए की धान खराब हो रही हैं। किन्तु सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेग रही हैं।
विभाग के अधिकारी इस खराब हो रही धान के प्रति कतई गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
जिला प्रबंधक ए.के. नगरारे ने हमें जानकारी देते हुए बताया कि 12 से 13 केन्द्रों की धान गोदाम पहुंच गई है लगभग 93 मेंट्रिक टन धान केंद्रों से ढुलना शेष हैं।

ठेकेदारों से विभाग की जुगलबंदी

नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा धान परिवहन हेतु निविदा प्रक्रिया गोलमोल तरीके से पूरी कराकर अपने पसंदीदा परिवहनकर्ता को लगातार उपकृत किया जाता रहा है इस वर्ष भी इस निविदा की प्रक्रिया और तुलनात्मक दरो व अनुबंध की जानकारी हमारे द्वारा मांगी गई हैं किन्तु विभाग द्वारा पारदर्शिता को दर किनार कर अब तक कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
सूत्र बताते हैं कि विभाग में धान परिवहन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्तर्गत परिवहन का ठेका एक ही ठेकदार को दिया गया है जिसके पास नियमानुसार पर्याप्त वाहन न होने से धान की ढुलाई समय पर नहीं हो पा रही हैं वहीं इस देर के लिए विभाग ठेकेदार के विरूद्ध भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।

परिवहनकर्ता और आधिकारियों के बयान अलग -अलग 

धान खरीदी बंद हुए 15 दिन बीतने के बाद भी अभी खरीदी केंद्रों पर धान रखी पानी में भीग रही हैं। एक तरफ आधिकारियों का कहना है 95 मेट्रिक टन धान केन्द्रों पर शेष बची हैं जबकि परिवहनकर्ता का कहना है 5000 एम टी धान ढुलना बाकी हैं। शासन के निर्देश है कि परिवहन शीघ्र से शीघ्र करवाने में विभाग सतर्कता से कड़ाई से कार्य पूर्ण करवाया जाए किन्तु यहां विभाग पूर्णतः ठेकेदार को चुपचाप मनमाना कम करने की छूट दे रहा हैं। ठेकेदार का कहना है कि जगह उपलब्ध ना होने के कारण और टारगेट से आधिक खरीदी के चलते ढुलाई में देरी हुई हैं। विभाग और ठेकेदार के बयानों में बड़ा विरोधभास है परंतु इससे महत्वपूर्ण तत्व ये हैं कि समय पर धान ना ढुल पाने से सरकार को मोटी चपत लग रही हैं जिसकी प्रशासन को कोई परवाह नहीं है और विभाग के अधिकारियों को सरकार के नुकसान से कहीं अधिक परवाह ठेकेदार की है।

खाद विभाग के अधिकारी खरीदी केन्द्रों पर कार्यवाही के मूड में

खरीदी केंद्रों पर संग्रहित धान को लेकर केंद्रों के प्रभारी धान का उठाव न होने से परेशान हैं एक तरफ रोज बिगड़ता मौसम दूसरी तरफ इसकी रखवाली करने के लिए उन्हें अलग से प्रबंध करने पड़ रहे हैं नागरिक आपूर्ति निगम और सिविल सप्लाई विभाग मौसम से बचाव हेतु भी कोई प्रबंध नहीं कर रही है जबकि सरकार से इस हेतु अलग से राशि आवंटित किया जाना बताया जाता है। खरीदी केंद्र के प्रभारियों द्वारा बताया गया उनके द्वारा संग्रहित माल की जानकारी विभाग को दिए जाने के बाद भी माल का उठाव नहीं करवाया जा रहा है। दूसरी ओर खराब होती धान को लेकर खाद आपूर्ति विभाग के प्रभारी अधिकारी का कहना है कि जहां धान भीग रही है उन केंद्रों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए जावेगी ।जबकि पानी में भीग रही धान कि वजह समय पर परिवहनकर्ता द्वारा उठाव नहीं किया जाना है। और परिवहनकर्ता के पास पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं बताया जाता है कि यदि विभाग ने कड़ाई नहीं की तो केंद्रों पर रखी धान अभी महीनों नहीं ढुल पाएगी। जिला प्रशासन को इस विषय पर गंभीरता से सख्त कदम उठाने होंगे । परिवहनकर्ता के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए शीघ्र उठाव हेतु दंडनात्मक कार्यवाही की जाना आवश्यक है।

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