
पंजीयन की वैधता समाप्त होने के बाद भी, डाक्टर कर रहा था प्रेक्टिस
जनपथ की टीम के समक्ष की गई कार्यवाही
इलेक्ट्रो होम्योपैथी के चिकित्सक ने ड्रिप देना स्वीकारा
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 4 सितम्बर 2020, जिला प्रशासन के सख्त आदेश, लिखित निर्देश की भी जिले में धज्जियां उड़ाई जा रही है कहीं कोई कार्यवाही न होने से अवैधानिक काम और कारोबार जारी है।
समनापुर में आज मुख्य बाजार में संचालित एक क्लीनिक पर मीडिया को मिल रही शिकायत के बाद जब नायब तहसीलदार श्री बरकड़े और बीएमओ सी एस धुर्वे ने छापामार कार्यवाही की तो विकास गोलदार एलोपैथी पद्धति से उपचार करते हुए पाए गए। जबकि वे इलेक्ट्रो होम्योपैथी के का जो सर्टिफिकेट उपलब्ध करवा रहे थे उसकी वैधता भी 2019 में समाप्त हो चुकी थी। बीएमओ और नायाब तहसीलदार ने उपलब्ध दवाओं, दस्तावेजों का पंचनामा बना कर डाक्टर को अपना क्लीनिक बंद करने के निर्देश दिए बिना पंजीयन के पुनः रिनूवल और होम्योपैथी में ही उपचार की समझाइश दी गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल गोलदार का दवाखाना सील कर दिया गया है, अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
दबडेनुमा नर्सिंग होम में होता है इलाज
समनापुर में उक्त चिकित्सक के द्वारा संचालित नर्सिंग होम एक 6 X 5 के कमरे में रेल की तरह के बर्थ बना कर ड्रिप लगाई जाती है, जो पूरी तरह मुर्गी खाने के माफिक दिखाई देता है। कोरोना काल में जहां सोशल डिस्टेंस की विशेष तौर पर बात की जा रही है वहीं चिकित्सक खुद ऐसे कारनामे कर रहे है और उनको कोई देखने वाला तक नहीं है।
जिला प्रशासन के निर्देश की अनदेखी
जिला कलेक्टर द्वारा पूरे जिले में झोलाछाप डाक्टरों पर कार्यवाही के लिए हर विकासखंड में टीम बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश के बाद भी समनापुर मुख्यालय में किसी तरह की जांच स्वास्थ विभाग ने नहीं की न पूर्व में इन जैसे डाक्टर जिनके सर्टिफिकेट की वैधता ही साल भर पूर्व समाप्त हो चुकी है क्लीनिक संचालित कर रहे है। इनको लेकर न स्वास्थ विभाग अब तक सतर्क है न पुलिस और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
आज जनपथ की टीम ने जब समनापुर के डाक्टर की लगातार शिकायत मिलने पर उनकी क्लीनिक की पड़ताल की तो वे कई मरीजों को ड्रिप देते पाए गए थे, उनका कहना था कि वे मरीज की हालत खराब होने पर इंजेक्शन और ड्रिप देते है। इनपर कार्यवाही की जाने के लिए हमारी टीम बीएमओ से संपर्क करती रही किन्तु वे उपलब्ध नहीं हुए त ब एसडीएम महेश मंडलोई को जानकारी देने के बाद नायाब तहसीलदार द्वारा डाक्टर रमन विश्वास और गोलदार के क्लिनिक पर दबिश दी गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार टीम के रवाना होते ही समनापुर के तमाम झोलाछाप डाक्टरों ने अपने बन्द दवाखाने फिर से खोल लिए है जो प्रशासनिक दबाव न होने का संकेत है। समनापुर मुख्यालय में आधा दर्जन क्लीनिक खुलेआम चल रहे है और एलोपैथी से उपचार किया जा रहा है जबकि उनके सर्टिफिकेट अन्य पैथी के है।