
खाल्हे डुलहरी में जल संकट गहराया: बैगा जनजाति बरसाती नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर
जनपथ टुडे डिंडोरी 04 अगस्त।
खाल्हे डुलहरी (मेंहदवानी विकासखंड)।
जिले में विकास के तमाम दावे जमीनी हकीकत के सामने पूरी तरह बेमानी साबित हो रहे हैं। सड़क, बिजली और स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी कई गांव वंचित हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है विकासखंड मेंहदवानी की ग्राम पंचायत डुलहरी के पोषक ग्राम खाल्हे डुलहरी का, जहां बैगा जनजाति के लोग आज भी दूषित और असुरक्षित पानी पीने को मजबूर हैं।
गांव में मौजूद तीनों हैंडपंप सूख चुके हैं, जिससे ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए बरसाती नाले का गंदा पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है। बाकी दिनों में ग्रामीण नदी में बने अस्थायी बांध से पानी भरकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं।
जल जीवन मिशन का लक्ष्य अधूरा
जल जीवन मिशन, जो कि केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, का उद्देश्य था हर घर तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुंचाना। ग्राम खाल्हे डुलहरी में पाइपलाइन बिछाई गई और घरों में नल कनेक्शन भी लगा दिए गए, लेकिन योजना अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। आज भी गांव के घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे जल संकट और गंभीर होता जा रहा है।
बीमारियों का मंडराता खतरा
गांव की निवासी कविता बाई, फुलझरिया बाई, बुद्धन बाई, सोहनिया बाई, व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि नाले का पानी पीने के कारण उन्हें बीमारियों का डर सताने लगा है। दूषित जल के सेवन से बच्चों और बुजुर्गों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है।
बम्हनी में भी नल जल योजना ठप
इसी तरह की स्थिति ग्राम बम्हनी में भी देखने को मिल रही है, जहां पिछले दो महीनों से नल-जल योजना ठप है। यहां के ग्रामीण भी पानी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।