
फर्जी मस्टररोल से भुगतान अपात्रों को दिया आवास का लाभ
ग्राम पंचायत बरसिंघा की जांच प्रारभ
जनपथ टुडे, 6 अक्टूबर 2020, अमरपुर जनपद पंचायत क्षेत्रातंर्गत ग्राम पंचायत बरसिंघा माल के ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत में व्याप्त अनियमित्ताओं की शिकायत 11 सितंबर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को की गई थी। जिस शिकायत की जांच के लिए एक जांच दल का गठन कर जांच कराई जा रही हैं। जिसकी शिकायत की जांच करने संजय उईके अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, दीपचंद सैयाम, योगेंद्र वरकड़े ब्लॉक समन्वयक, अमित नानोटे उपयंत्री एवं मनीराम परस्ते पंचायत समन्वयक 5 अक्टूबर को कार्यालय ग्राम पंचायत बरसिंघा पहुंचे।
जहां शिकायतकर्ताओं के साथ भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे फर्जी मस्टर भरने ग्रामीणों का आरोप हैं कि फर्जी मस्टररोल जारी कर सरपंच, सचिव अपने परिवार को उपकृत कर रहे हैं। मस्टर क्रमांक 6057 जिसमें 10 मजदूरों के नाम अंकित है परंतु अनुक्रमांक 7 एवं 9 में रोजगार सहायक की बुजुर्ग पिता ओंकार सिंह एवं माता सावित्री बाई का नाम अंकित हैं जिसमें ग्रामीणों का आरोप हैं कि यह दोनों कभी मजदूरी करने जाते ही नहीं फिर भी इनकी 13 दिन की उपस्थिति दर्ज 2405, 2405 रूपये का भुगतान किया गया हैं। शेष मजदूरों की उपस्थिति निरंक भरा गया हैं इसी प्रकार मस्टर क्रमांक 6050 में 10 मजदूरों के नाम जारी किया गया जिसमें अनुक्रमांक 9 में राजकुमारी नाम अंकित हैं जिसे ग्रामीणों ने सरपंच रामकुमार की पत्नी बतलाया जिसकी 13 दिन उपस्थिति के साथ 2405 रुपये का भुगतान दर्शाया गया हैं शेष मजदूरों की उपस्थिति मात्र 1 दिन दर्शाया गया हैं मजदूरों के अनुसार सरपंच की पत्नी मजदूरी करने जाती ही नहीं हैं इस प्रकार ग्रामीणों द्वारा अनेकों मास्टर रोल में फर्जी मास्टर से भुगतान करने का आरोप लगा रहे हैं।
अपात्रों को आवास
ग्रामीणों का आरोप हैं कि सरपंच, सचिव द्वारा अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ अपने निजी स्वार्थ के चलते दे रहे हैं नरेन्द्र पिता अयोध्या जिसे वर्ष 2019, 20 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया हैं जबकि उनका पहले से ही पक्का मकान निर्मित हैं और वर्ष 2016, 17 में नरेंद्र की मां कैकेई के नाम से मुख्यमंत्री आवास का निर्माण किया गया हैं वर्तमान में आवास का कार्यक्रम भी नहीं हुआ हैं और सभी संयुक्त परिवार के रूप में निवासरत हैं इसी प्रकार वर्ष 2017, 18 में झाम सिंह पिता मंगल का आवास स्वीकृत हुआ और प्रथम किस्त की राशि 40 हजार, मानसिंह पिता चंदे के खाते में जमा करा दी गई और झाम सिंह आज भी आवासहीन हैं और मान सिंह को वर्ष 2020, 21 आवास स्वीकृत किया गया हैं इस प्रकार ग्रामीणों ने अनेकों वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप लगाए गए हैं बगैर खेत तालाब निर्माण हो गया भुगतान ग्रामीणों के अनुसार रोजगार सहायक, सह प्रभारी सचिव बसंत सिंह पिपराहा ने अपने पिता ओमकार सिंह के नाम से खेत तालाब स्वीकृत किया जा कर 88 हजार भुगतान भी किया जा चुका हैं जबकि खेत तालाब का निर्माण किया ही नहीं गया जिस खेत तालाब में 25 जून से कार्य किया जाना दर्शाया गया हैं जो नियम विरुद्ध हैं 15 जून से ऐसे निर्माण कार्य बंद कर दिए जाते हैं वर्तमान में उस खेत में धान की फसल लहलहा रही हैं शिकायत पत्र 10 बिंदुओं की हैं जांच जारी हैं।
इनका कहना हैं:-
जांचपूर्ण होने पर ही कुछ निष्कर्ष में पहुंचा जा सकता हैं।
संजय उईके
ए पी ओ
मुझे कोई भी अनियमित्ताओं की जानकारी नहीं हैं।
राम कुमार वनवासी
ग्राम पंचायत सरपंच
मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
संस्था सिंह पिपराहा
प्रभारी सचिव