
राशन वितरण में गड़बड़ी करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही के आदेश
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 3 नवम्बर 2020, कल कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समय सीमा बैठक में जिला कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने जिले के अधिकारियों को शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए, जिले के ग्रामीण अंचलों में राशन वितरण की शिकायतों पर जिला कलेक्टर ने सम्बन्धित विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए।
कोरोना काल में मुफ्त राशन वितरण में हुई गड़बड़ी
कलेक्टर ने कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण काल का खाद्यान्न उपभोक्ताओं को निर्धारित समय में वितरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण में लापरवाही बरतने वाले सेल्समेनों के विरूद्ध कडी कार्यवाही और सहकारी उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न वितरण का दिवस निर्धारित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस अवसर पर धान उपार्जन केन्द्रों की तैयारियों की भी समीक्षा की।
गरीबों के राशन पर माफियाओं की नजर
गौरतलब है कि विगत दिनों जिले के भ्रमण पर जिला कलेक्टर से शहपुरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने कोरोना काल में शासन की योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण की सामग्री नहीं दिए जाने की शिकायते की थी। जिस पर कलेक्टर द्वारा गड़बड़ी करने वाले उचित मूल्य की दुकानों के सेल्समेन पर कार्यवाही के आदेश दिए थे। किन्तु अब तक सहकारिता विभाग अथवा खाद्य विभाग द्वारा की गई किसी कार्यवाही का खुलासा नहीं हुआ है और कल की बैठक में जिला कलेक्टर ने फिर खाद्य विभाग और सहकारिता विभाग से ऐसे सेल्समैन के खिलाफ कार्यवाही की बात कही।
विभाग जिला प्रशासन के आदेश और निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहे है
जिले में खाद्ययान वितरण को लेकर व्यापक अनिमित्ताए है जो वर्षों से चल रही है। जिला प्रशासन के आदेशों की न खाद्य विभाग को परवाह है न सहकारिता विभाग को जिसका बड़ा उदाहरण पिछले दिनों देखने मिला जब ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना के तहत हितग्राहियों की डाटा फीडिंग में लापरवाही के चलते जिले के ६ सेल्समैन को एसडीएम द्वारा पद से प्रथक किए जाने के आदेश जारी किए गए। किन्तु जारी आदेश के लगभग एक माह बाद की स्थिति में भी किसी को पद से प्रथक नहीं किया गया बल्कि आनाखेडा, परसेल, पिपरिया क्षेत्र के प्रबंधकों ने बताया कि उन्हें ऐसा कोई आदेश ही प्राप्त नहीं हुआ है। जिला कलेक्टर के आदेश और शासन की कार्यवाही के दस्तावेज ही जब जिला मुख्यालय से बाहर नहीं जा पा रहे तब प्रशासन की कार्यवाही का क्या असर होगा साफ है। इस पूरे मामले में खाद्य विभाग और सहकारिता विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए जिला मुख्यालय में पद से प्रथक सेल्समैन दुकान का संचालन कर रहा हो तब प्रशासनिक आदेशों के महत्त्व पर सवाल खड़े होते है। प्रशासन की आंखो में खुलेआम धूल झोकने वाले विभाग के अधिकारी और अमला आमजन कि क्या सुध लेते होंगे जाहिर है। जरूरत है ऐसे अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करने की जो लापरवाही करने वालों को खुला संरक्षण दे रहे है और आमजन शोषण का शिकार हो रहा है।
छ माह पूर्व सेवानिवृत सेल्समैन नहीं दे रहा दुकान का प्रभार
जिले में स्थितियां कितनी खराब है और किस तरह शासन के नियमों और निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है इसका नमूना लैंप्स में दिखाई देता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार करंजिया विकासखंड के एक सेल्समैन की सेवा निवृत्त की तिथि लगभग 6 पहले पूरी हो चुकी है और वह विभाग के निर्देशों के बाद भी दुकान का प्रभार नहीं दे रहा है उसके खिलाफ कोई कार्यवाही सहकारिता विभाग नहीं कर पाया है। ये हाल है जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जिससे रोज जिले के आम आदमी को जूझना पड़ रहा है। ऐसे जबर सेल्समैन पर क्या कार्यवाही हो पाएगी जनता की शिकायतों पर?
मध्यान भोजन के खाद्ययान वितरण में गोलमाल
जिले के स्कूल और छात्रावासों में फरवरी माह से ताला लगा हुआ है और इस मद के आनाज के वितरण और उठाव के संबंध में हमारे द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य आपूर्ति विभागों से जानकारी मांगी जा रही है किन्तु कोई भी इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहा है। दोनों विभाग एक दूसरे के पास जानकारी उपलब्ध होने का बहाना कर रहे है। इस पूरे मामले में भी गड़बड़ी की व्यापक स्तर पर संभावनाएं जताई जा रही है।