
रुद्रेश के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब हजारों की भीड़ के साथ कलेक्ट्रेट का घेराव किया
गांव गांव तक घोटाले की खबर तत्कालीन सहायक आयुक्त के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग
भारी जनसैलाब को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने से रोकने, पुलिस और प्रशासन रहा असफल
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 जनवरी 23, (प्रकाश मिश्रा) जिले में बड़े पदों पर बैठे लोगों के भ्रष्टाचार से परेशान ग्रामीण क्षेत्र की जनता ने आज अपना आक्रोश जिला मुख्यालय में दिखा ही दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते के नेतृत्व में जिले भर से हजारों की भीड़ ने पहले तो मुख्य बस स्टैंड में जनसभा आयोजित की और उसके बाद रैली के रूप में उमड़ा जनसैलाब सड़कों पर उतर आया। जिले में पहली बार छात्र हित हुआ आंदोलन ऐतिहासिक रहा, जिला मुख्यालय की सड़क पर भारी तादाद में रैली में लोगों को देखकर स्थानीय लोग आश्चर्यचकित रह गए।
जनजाति कार्य विभाग, शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर छात्र आंदोलन जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते के नेतृत्व में आयोजित किया गया था। अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे हजारों की भीड़ ने कलेक्टर के हाथों ज्ञापन सौंपे जाने की जिद की। लंबे इंतजार के बाद जिला कलेक्टर विकास मिश्रा आमजनता और परिसर ने जमा भारी भीड़ के चलते मजबूरन उनसे मिलने बाहर आए। रूद्रेश परस्ते ने बताया कि पूर्व सहायक आयुक्त और वर्तमान सहायक आयुक्त के कार्यकाल में जनजाति कार्य विभाग के अंतर्गत करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य तथा स्कूलों को प्रदान की जाने वाली सुविधा और अन्य सामग्रियों पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। वर्तमान में पिछले 2 वर्षों से स्कूल और कॉलेज के छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की गई है। जिसके कारण छात्रों में आक्रोश है और उनके परिजनों में भी प्रशासन की तानाशाही और हीलाहवाली के प्रति आक्रोश दिखाई दिया, जिसका परिणाम आज जिला मुख्यालय में देखने को मिला।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनाक्रोश
जिले में शिक्षा विभाग में हुए कई करोड़ रुपए के घोटालों को लेकर लंबे समय से आवाज उठ रही है। किन्तु प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही इस दिशा में नहीं की गई है वहीं तमाम बड़े नेता और चुने हुए जनप्रतिनिधि भी इस पूरे घोटाले पर चुप्पी साधे हुए है। किन्तु आमजन में इन सबके खिलाफ भारी जनाक्रोश देखा गया और आयोजित छात्र आंदोलन को लेकर प्रशासन का अनुमान भी गलत साबित हुआ। आंदोलनकारियों को कलेक्ट्रेट परिसर में न घुसने देने के लिए की गई पुलिस और प्रशासन की तमाम घेराबन्दी जिले भर से उमड़े भारी जनसैलाब के आगे कमजोर पड़ गई। छात्रों के नाम पर हुए घोटालों के खिलाफ आमजन का आक्रोश आखिर सड़क पर दिखाई दे गया।
रूद्रेश का शक्ति प्रदर्शन और विधानसभा चुनाव
छात्र आंदोलन और जनता के भारी समर्थन को रूद्रेश परस्ते के आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूत दावेदारी का शक्ति प्रदर्शन भी कहा जा सकता है। दरअसल कांग्रेस पार्टी से संबंध रखने वाले रूद्रेश परस्ते नई उम्र की पीढ़ी का नेतृत्व करते हैं। पिछले जिला पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी के साथ जिला पंचायत की 2 सीटों पर भारी मतों से विजय प्राप्त कर रूद्रेश परस्ते ने क्षेत्र की जनता में अपनी पकड़ और जनता के चहेते होने का सबूत पेश किया था।ज्ञात हो कि 2023 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और रुद्रेश परस्ते की विधानसभा में दावेदारी प्रदर्शन के बाद और भी मजबूत होती दिखाई दे रही है। वहीं आज उनके समर्थकों का जन सैलाव देखकर विरोधियों के हौसले भी पस्त है। प्रशासन द्वारा भी उनकी अनसुनी की जाती रही है किन्तु उनके साथ भारी भीड़ के आगे जिला कलेक्टर को भी उनसे मिलने निकलना पड़ा वहीं पुलिस बल भी भारी भीड़ के सामने पीछे हटते दिखाई दिया जबकि कलेक्ट्रेट परिसर में आंदोलनकारियों को रोकने बेरीकेट्स लगाकर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था। कलेक्ट्रेट परिसर के गेट पर ताले लगे होने के बाद भी भारी भीड़ को रोकना संभव नहीं था।
मंगलवार 17 जनवरी को आयोजित विशाल छात्र आंदोलन में कांग्रेस के नेता जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते रमेश राज्यपाल, वैभव कृष्ण परस्ते श्रीमती हीरा देवी परस्ते, श्रीमती अंजू ब्योहार सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों की जनता एवं महाविद्यालयीन छात्र और छात्रा मौजूद रहे।