
साढ़े तीन अरब की लागत से स्वीकृत खरमेर प्रोजेक्ट का काम एक माह से अटका
डिन्डोरी – जनपथ टुडे, 19.02.2020
डिंडौरी – आदिवासी जिला डिंडौरी अंतर्गत समनापुर के अंडई में वर्षों के इंतजार के बाद तीन अरब 48 करोड़ की लागत से स्वीकृत खरमेर मध्यम सिंचाई परियोजना का काम पिछले माह 17 जनवरी को भारी सुरक्षा के बीच शुरू तो हुआ, लेकिन दूसरे ही दिन 18 जनवरी को ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद काम बंद हो गया। आलम यह है कि काम बंद हुए एक माह बीत चुका है। अब तक शासन प्रशासन बांध का निर्माण कार्य शुरू नहीं करा पा रहा है। प्रभावित गांव के ग्रामीण एकजुट होकर विगत एक माह से लगातार दिन रात निर्माण स्थल पर काम शुरू न हो इसके लिए तकवारी कर रहे हैं। 24 फरवरी को मुख्यमंत्री कमलनाथ का डिंडौरी में आगमन हो रहा है। ऐसे में प्रदर्शन कर रहे लोग डिंडौरी पहुंच मुख्यमंत्री के समक्ष बांध निर्माण रोकने की मांग कर सकते हैं। प्रशासन के लिए भी बांध का निर्माण कराना चुनौती बना हुआ है। बांध निर्माण से आधा सैकड़ा से अधिक गांव के लोगों को लाभ तो मिलेगा, लेकिन आरोप है कि जनप्रतिनिधि सहित पार्टियों के नेता वोट बैंक के चलते काम शुरू न हो इसके लिए पर्दे के पीछे से भी सहयोग कर रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आगामी दिनों में होने को हैं। यहां उसका असर भी देखा जा रहा है।
ग्रामीणों ने डाल रखा हैं डेरा
बांध निर्माण को विरोध के चलते ठेकेदार को रोकना पड़ गया है। स्थिति यह है कि ग्राम अंडई निर्माण स्थल पर एक ओर जहां विशेष सुरक्षा बल टेंट लगाकर तैनात है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण भी अपना काम काज छोड़कर बारी बारी से निर्माण कार्य शुरू न हो इसके लिए तकवारी कर रहे हैं। ग्राम उमरिया निवासी नरबदा सिंह मरकाम ने बताया कि एक गांव के 50-50 लोग प्रदर्शन स्थल पर हर समय मौजूद रहते हैं। दिन रात यहां लोग रहकर तकवारी कर रहे हैं। बताया गया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में डिंडौरी भी ग्रामीण पहुंच सकते हैं। इसके लिए तैयारियां भी की जा रही हैं।
राजनीतिक दलों की भूमिका
प्रदेश में भाजपा शासनकाल के दौरान वर्ष 2016 में खरमेर का यह बड़ा प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ था। उस समय कांग्रेस सहित गोंडवाना द्वारा निर्माण कार्य शुरू न हो इसको लेकर विरोध किया गया था। विधानसभा चुनाव के साथ दबाव के चलते स्थिति यह बनी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को डिंडौरी में कार्यक्रम के दौरान मंच से ही बांध ग्रमीणों की सहमति से ही बनाए जाने की घोषणा करनी पड़ी। उस समय काम बांध का थम गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बांध निर्माण की प्रक्रिया फिर शुरू हुई। स्थिति यह है कि अब कांग्रेस की जगह भाजपा बांध निर्माण के विरोध में सामने आ रही है। आरोप है कि भाजपा के जनप्रतिनिधि सहित पदाधिकारी बांध निर्माण न हो इसके लिए प्रदर्शन् कर रहे लोगों के बीच पहुंचकर सहयोग कर रही है।
आठ गांव की जमीने होगी प्रभावित
बताया गया कि खरमेर मध्यम परियोजना बनने से अंडई सहित डुंगरिया, साल्हेघोरी माल, साल्हेघोरी रैयत, उमरिया, खाम्ही, बम्हनी और केवलारी गांव के किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में आ सकती है। बताया गया कि बांध निर्माण से आठ गांव के 780 हेक्टेयर भूमि किसानों की और 120 हेक्टेयर शासकीय भूमि डूब क्षेत्र में आने की संभावना है। झांकी के बैगा टोला में विस्थापन के लिए 30 हेक्टयर भूमि की व्यवस्था की गई है। 24 माह में प्रोजेक्ट तैयार हो जाने की योजना थी जो अब अटकती नजर आ रही है। बताया गया कि 348 करोड़ में नहर का निर्माण कार्य भी बड़े स्तर पर किया जाएगा। 42 गांव प्रारंभिक तौर पर पानी पहुंचाने की लक्ष्य रखा गया है। यहां के पानी से लोगों की प्यास भी बुझेगी।
क्या कहते हें अधिकारी
348 करोड़ की लागत से खरमेर प्रोजेक्ट का काम होना है। अभी तो काम रुका हुआ है। शीघ्र शुरू होने की संभावना है। 42 गांव तक यहां का पानी नहर के माध्यम से पहुंचेगा। 12 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है। भू-अर्जन और मुआवजा वितरण करने की प्रक्रिया चल रही है। आठ गांव की केवल जमीन डूब क्षेत्र में आएगी। बसाहट क्षेत्र में पानी नहीं जाएगा। केवल खेतों में बने भवन ही डूब में आ सकते हैं।
यूएस चौधरी
एसडीओ जलसंसाधन विभाग डिंडौरी।