अनदेखी और भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा चेक डैम

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उपयंत्री और सरपंच, सचिव पर ग्रामीणों का साठगांठ का आरोप

 

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 12 दिसंबर 2020, समनापुर, जिले में विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा मोटी रकम खर्च किए जाने के बाद भी पंचायत प्रतिनिधियों और जिम्मेदारों की अनदेखी तथा भ्रष्टाचार के चलते आमजन को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही मामला समनापुर जनपद पंचायत की जाताडोंगरी ग्राम पंचायत के ग्राम बरगा में देखने आया जहां विगत कुछ वर्षों पूर्व बने चेक डैम जो कि मुक्तिधाम के पास मनरेगा के तहत बनाया गया था उसमे आज तक गेट नहीं लगाए गए है जिसके चलते इसमें पानी रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है और ग्रामीण इसमें पत्थर और मिट्टी लगाकर थोड़ा बहुत पानी रोक पाते है। जबकि जिम्मेदार पंचायत से गांव के लोग कई बार इसमें गेट लगवाने की बात कह चुके है किन्तु उनकी बात सुनी नहीं जाती । जिसकी वजह है कि कागजों पर साठगांठ कर उक्त कार्य हेतु स्वीकृत राशि बिना किसी मूल्यांकन और सत्यापन के आहरण बहुत पहले की जा चुकी है अघोषित ठेकेदार पूरा पैसा मिलने के बाद अब इसमें गेट नहीं लगा रहा है, पंचायत और उपयंत्री को कोई लेना देना नहीं है।

पंचायत प्रतिनिधियों, रोजगार सहायक और उपयंत्री की मिलीभगत से मनमाना काम कराया गया है। निर्माण पूर्ण होने के बाद से आज तक उसमें गेट नहीं लगे है जिसके चलते लगभग 15 लाख रुपए की लागत से बनाए गए डैम में पानी रुकने का नाम ही नहीं लेता। ग्रामीणों के द्वारा से पत्थर मिट्टी लगाकर थोड़ा बहुत पानी रोका जा रहा है।

गौरतलब है कि समनापुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की दुर्दशा है, भ्रष्टाचार चरम पर है ग्रामीणों के द्वारा की जा रही शिकायत पर जनपद के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है। आम जनता की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है चर्चा में बताया जाता है कि ग्राम पंचायत जाता डोंगरी के सचिव, उप सरपंच सहित रोजगार सहायक सभी निर्माण कार्य में अप्रत्यक्ष रूप से ठेकेदारी कर रहे हैं। यहां तक की ग्राम पंचायत की पंच के पति के द्वारा लाखों रुपए की सप्लाई के बिल ग्राम पंचायत द्वारा भुगतान की बात कही जा रही है। उपयंत्री सालो से जनपद में डटे है और निर्माण कार्यों का बिना देखे मूल्यांकन किए जाने की कई शिकायतों के बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने मनमानी हावी है जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी डैम में न पानी रुक रहा है न किसानों को लाभ मिल रहा है न ही लोगों के निस्तार में इसका उपयोग हो पा रहा है ऐसे गैर जिम्मेदार पंचायत प्रतिनिधियों और भ्रष्ट अधिकारियों पर ग्रामीण सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे है।

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