किन-किन नेता तक पहुंचा काला धन “कमलनाथ सरकार” में, हवाला कारोबारी के यहां से मिली लिस्ट का खुलासा

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कमलनाथ सरकार का कैश कांड आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापों से उजागर हुआ कालेधन का खुलासा

विधायक डिंडोरी ओमकार सिंह मरकाम, व शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी का नाम भी हवाला कारोबारियों की सूची में

जनपथ टुडे, भोपाल, 20 दिसंबर 2020, शिवराज सिंह सरकार के पावर पॉइंट ने मध्य प्रदेश के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से आयकर विभाग की गवर्निंग संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBGT) की उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया हैं जो चुनाव आयोग दिल्ली से मुख्य निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश होते हुए सामान्य प्रशासन विभाग और भोपाल मंत्रालय तक पहुंची है। कमलनाथ सरकार के समय मध्यप्रदेश से चुनाव के लिए अवैध चंदा वसूली और कालेधन के वितरण की एक लिस्ट सार्वजानिक हुई है। इस लिस्ट में कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह से ले कर भ्रष्टाचार के खिलाफ कसमें खाने वाले सिंधिया तक के बफादारो के नाम शामिल है, कांग्रेस के लगभग सभी वर्तमान विधायक भी इस लिस्ट में है जिन पर अवैध चंदा वसूल के कालेधन से चुनाव लडने के आरोप लग रहे है।

कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय में भेजा गया काला धन

आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के दस्तावेज बताते हैं कि कांग्रेस के दिल्ली स्थित दफ्तर भी पैसे भेज जाने का जिक्र है। हवाला कारोबारी ललित चालानी के लैपटॉप से भी चौंकाने वाली है एंट्री मिली हैं। जिन लोगों के यहां आयकर विभाग की कार्यवाही हुई थी इसमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, राजेंद्र मिगलानी और रिश्तेदार रतुल पूरी की कंपनी के साथ अश्वनी शर्मा, प्रतीक जोशी, ललित चलानी भी शामिल रहे।

मध्य प्रदेश के इन नेताओं तक हवाला के जरिए काला धन पहुंचा

अजय सिंह
कंप्यूटर बाबा
साद अहमदाबाद
योगेश राठौर
रणदीप सुरजेवाला
दिग्विजय सिंह
अभिषेक मिश्रा
फुंदे लाल मार्को
विजय राघवेंद्र सिंह
ओमकार सिंह मरकाम
नारायण पट्टा
योगेंद्र बाबा
डॉ अशोक मस्कोले
अर्जुन काकोडिया
संजय उइके
ब्रह्मा भलावी
भूपेंद्र मरावी
सज्जन सिंह
बाबू जंडेल
बैजनाथ कुशवाहा
प्रवीण पाठक
घनश्याम सिंह
गोपाल सिंह चौहान
तनवर लोधी
नीरज दीक्षित
विक्रम सिंह नातीराजा

शिवदयाल बागरी
सिद्धार्थ कुशवाहा
संजय यादव
शशांक भार्गव
आरिफ मसूद
गोवर्धन सिंह दांगी
बापू सिंह तोमर
महेश परमार
राजेश कुमार राणा
विक्रम सिंह
देवेंद्र पटेल
रामलाल मालवीय
मुरली मोरवाल
झूमा सोलंकी
सचिन बिडला
रवि रमेश चंद्र जोशी
केदार चिडाभाई डावर
ग्यारसी लाल रावत
चंद्रभागा किराड़े
मुकेश रावत पटेल
कलावती भूरिया
वीर सिंह भूरिया
बाल सिंह मेडा
प्रताप ग्रेवाल
पाची लाल मेडा
हर्ष विजय सिंह गहलोत आरकेएम,
मीनाक्षी नटराजन
कमल मरावी
प्रमिला सिंह
मधु भगत
देवाशीष जरारिया
शशि कर्णावत
शैलेंद्र सिंह दीवान
कविता नातीराजा
मुकेश श्रीवास्तव
बृजेश पटेल
बिरला लोधा

सिंधिया के साथ भाजपा में गए कांग्रेस के नेताओं के पास भी भेजा गया था पैसा

बिसाहूलाल सिंह
प्रद्युमन सिंह तोमर
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
एदल सिंह कंसाना
गिर्राज दंडोतिया
रणवीर जाटव
कमलेश जाटव
रक्षा संतराम सिरो निया
प्रदुमन लोधी
राहुल लोधी
नारायण पटेल
सुमित्रा देवी कासदेक्र
मनोज चौधरी
बसपा की
राम बाई और
संजीव सिंह कुशवाहा

लेनदेन का यह सारा हिसाब 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ बताया जाता है।

आईपीएस अधिकारियों के नाम के आगे 25 – 25 लाख रुपए

कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापों में मिले दस्तावेजो से कुछ बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है, जिसमें तीन आईपीएस अधिकारियों सुशोभन बनर्जी, संजय माने, बी मधुकर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, बिसाहूलाल सिंह, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रद्युमन सिंह तोमर, सज्जन सिंह वर्मा के साथ 50 से अधिक वर्तमान विधायकों व नेताओं के नाम हैं। आईपीएस अधिकारियों के नाम के आगे 25 लाख रुपए की राशि का जिक्र है

चुनाव में 287 करोड़ का कलेक्शन किया था

चुनाव में 287 करोड़ का कलेक्शन किया था 130 करोड़ रुपए खर्च किए ललित चालानी के लैपटॉप की एंट्री में बताया गया कि कुल 287.05 करोड़ का कलेक्शन हुआ जिसमें से 130.6 करोड रुपए खर्च हुए। इसमें यह भी लिखा है कि 156.10 करोड़ रुपए अभी भी उनके पास हैं।

सब का खुलासा होगा कोई नहीं बचेगा

प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि अप्रेजल रिपोर्ट आ गई है इसी के बाद तो छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने कहा कि उन्हें सन्यास लेना है। दरअसल केस में सबसे नाम है जिसका खुलासा होगा दोषी कोई भी हो नहीं बचेगा।

सरकार फाइल को दबा नहीं पाएगी

जानकारों की माने तो मध्य प्रदेश के मंत्रालय में आ चुकी आयकर विभाग की गवर्नमेंट संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सी बी जे पी की रिपोर्ट का अध्ययन शीर्ष स्तर पर शुरू हो गया है सूत्रों का कहना है कि सरकार इस मामले को ज्यादा समय तक टाल नहीं पाएगी पूरा केस को डब्लू को सोचना पड़ेगा विधियों हादसे परीक्षण कराने के नाम पर कुछ समय तक एफ आई आर दर्ज होने शुरू की जा सकती है किंतु यह मामला दबाया नहीं जा सकता

दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव के लिए 90 लाख रुपए दिए गए

ललित चेलानी के यहां करीब दो करोड़ और प्रतीक जोशी के यहां साडे दस करोड़ रुपए जप्त हुए थे और दिग्विजय सिंह को 90 लाख रुपए दिए जाने का जिक्र है, आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिग्विजय सिंह भोपाल से प्रत्याशी रहे है और दी गई रकम चुनाव आयोग की सीमा से अधिक है।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 28 अक्टूबर 2020 को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सीबीडीटी की रिपोर्ट के साथ पत्र भेजा था, पत्र में छापो में आए नामों के लोगों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज या ईओ डब्लयू में फिर दर्ज करने के लिए कहा गया था, किन्तु पिछले डेढ़ महीने से रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अब फिर भारत चुनाव आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार को इस मामले में कार्यवाही के लिए कहा है।

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