खाम्हा में “खनिज निरीक्षक” की कार्यवाही के विरोध में ग्रामीण पहुंचे कोतवाली

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 25 दिसंबर 2020, कल ग्राम खाम्हा में ग्रामीणों द्वारा खनिज निरीक्षक को कई घंटे रोक कर रखने की घटना से जहां जिले भर में हड़कंप मच गया था वहीं पुलिस के बीचबचाव के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रभारी खनिज निरीक्षक को छोड़ा जा सका था। उसी क्रम में आज खाम्हा के ग्रामीण आज डिंडोरी कोतवाली पहुंचे जहां उन्होंने कल की घटना की जांच कर कार्यवाही हेतु थाना प्रभारी को आवेदन दिया है।


लिखित आवेदन में ग्रामीणों ने बताया है कि ग्राम पंचायत में ग्रेवल रोड निर्माण कार्य टिकरा टोला से बीतल बहेरा पहुंच मार्ग पर चल रहा था, लगभग 15 लाख रुपए की लागत का यह कार्य पंचायत द्वारा नियम विरूद्ध कथित ठेकेदार वैभव चौरसिया से करवाया जा रहा था जिसमें घटिया कार्य होने के चलते ग्रामीण नाराज थे और स्थानीय वाहन मालिक अपने स्तर पर इस कार्य को करवाने हेतु स्थानीय वाहनों से कार्य करवा रहे थे। जिसको लेकर उक्त कथित ठेकेदार किसी अधिकारी को उसके दो गनमेनो के साथ आया और गनमेनों द्वारा ट्रैक्टर चालकों को बंदूक मारने की धमकी देकर ले जाने की कोशिश की गई,जिस पर पूरे गांव के लोग आक्रोशित हो गए और उक्त अधिकारी से उनका परिचय पत्र और जांच का आदेश मांगा गया जो उनके द्वारा नहीं दिखाएं जाने से ग्रामीणों ने मामले की जानकारी पुलिस को दे दी और उक्त अधिकारी के वाहन को रोक लिया। इस बीच जनता को भड़कता देख कथित ठेकेदार वैभव चौरसिया के वहां से भाग जाने की जानकारी लोगों द्वारा दी गई। लिखित आवेदन में उक्त कथित ठेकेदार द्वारा अपने वाहन पर म प्र शासन लिखी हुई गाड़ी से चलने और ग्रामवासियों, मजदूरों को धमकाने का भी आरोप लगाया गया है। इसी संदर्भ में एक और लिखित शिकायत गोविंद सिंह गौतम नाम के व्यक्ति ने भी की है जिसने कथित ठेकेदार, अधिकारी और उनके गनमेन द्वारा रोड निर्माण में कार्य करने के दौरान धमकाने और टक्कर मारने की शिकायत की है। इस पूरे घटना क्रम में प्रभारी खनिज निरीक्षक पर ट्रैक्टर चालकों को धमकाने बंदूक से डराने के आरोप लगाए जा रहे है साथ ही इस पूरे घटना क्रम में वैभव चौरसिया के पर्दे के पीछे होने की भी चर्चा है। उनके द्वारा यह कार्य पूर्व में किया जा रहा था जिनको पंचायत ने भुगतान भी किया है, साथ ही उक्त निर्माण को लेकर लंबे समय से शिकायते भी होती रही है। ऐसे में यह पूरा घटना क्रम संदिग्ध जरूर नजर आ रहा है। सूत्र बताते है कि कल की घटना को लेकर प्रभारी खनिज निरीक्षक द्वारा भी कोतवाली पुलिस को कुछ लोगों के विरुद्ध शिकायत पत्र दिया गया है। मामले की शिकायतों के आधार पर कोतवाली पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है

ग्राम पंचायत में खनिज के उपयोग पर खनिज निरीक्षक की कार्यवाही सवालों के घेरे में?

 

ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों में बड़ी मात्रा में मुरम मिट्टी का उपयोग सुदूर मार्ग निर्माण, गेवेल मार्ग निर्माण में होता है। पिछले एक दो वर्षों में ही करोड़ों रुपए के इस प्रकार के कार्य जिले भर में हुए है जिनसे किसी तरह की रायलती खनिज विभाग ने नहीं वसूली है। पंचायत के इस ही ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य में पूर्व में जिन ठेकेदारों को मुरम, पत्थर, गिट्टी के लाखों रुपए के भुगतान किए गए है उन्होंने भी एक रुपए की रायल्टी नहीं चुकाई है तब साफ जाहिर है कल विशेष तौर पर खाम्हा में खनिज अमले ने कार्यवाही की थी। जिले भर की पंचायतों में मुरम, पत्थर के कई सौ करोड़ रुपए के बिल लगे है जिनके एवज में खनिज विभाग को राजस्व नहीं चुकाया गया है। खनिज विभाग इनसे नियमानुसार करोड़ों रुपए की रॉयल्टी वसूली कर सकता है पर इस दिशा में जिला खनिज अधिकारी और विभाग ने कभी कोई कार्यवाही नहीं की इस सवाल का जवाब खनिज निरीक्षक और विभाग से जिला प्रशासन को लेना चाहिए कि आखिर अब तक करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पर खनिज विभाग आंखे बंद करे क्यों बैठा रहा।

अधिकारियों को वाहन पर विभाग का उल्लेख करना चाहिए

कल की घटना पर जिला प्रशासन को गंभीरता से विचार करना चाहिए, ग्रामीणों की गलतफहमी के चलते कल अप्रिय घटना भी घट सकती थी। शासकीय विभागों में अनुबंधित वाहनों पर आखिर विभाग के नाम की पट्टी क्यों नहीं लगाई जाती। शासकीय कार्यालयों में जब शासकीय कार्यों हेतु वाहन अनुबंधित है तो उनमें विभाग की पट्टिका लगाने से अधिकारी क्यों बचते है? प्रशासन को इस पर सख्ती से निर्देश जारी करने चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं के साथ ही शासकीय वाहनों के निजी उपयोग को भी रोका जा सके। जिले के अधिकारियों को भ्रमण और जांच पर जाते समय नियमानुसार अपना अधिकृत परिचय पत्र जरूर ही साथ रखने के भी निर्देश भी दिए जाने चाहिए।

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