
काला धन की जांच के घेरे में आ सकते है कांग्रेस के बड़े नेता
जनपथ टुडे, डिण्डोरी 4 जनवरी 2021, भोपाल मध्य प्रदेश में कार्यरत कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में पड़े आयकर छापों के दौरान जप्त दस्तावेजों के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की ओर से ई ओ डब्लू ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। लेकिन इसका असली निशाना पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ है। प्राथमिकी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी भी इसमें शामिल होगा और एफ आई आर दर्ज की जाएगी। अभी 4 पुलिस अधिकारी इसमें नामजद है बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों को मामले में गवाह बना कर कमलनाथ को कार्यवाही की जद में लाया जा सकता है। आयकर विभाग की कार्यवाही के दौरान कमलनाथ मुख्यमंत्री थे और अधिकारी गवाही दे सकते हैं कि वे सिर्फ मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
इलेक्शन कमीशन ने एमपी गवर्नमेंट को लीगल एक्शन के लिए लिखा है
गौरतलब है कि जनरल इलेक्शन 2019 से ठीक पहले कमलनाथ की टीम के कुछ लोगों के यहां बड़ी इनकम टैक्स रेड के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स टैक्स इसकी रिपोर्ट को फॉरवर्ड करते हुए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने गवर्नमेंट ऑफ मध्य प्रदेश को इंस्ट्रक्शन दिए हैं की इन्वेस्टिगेशन में गिल्टी पाए गए इंडियन पुलिस सर्विस के तीन एवं मध्य प्रदेश पुलिस सर्विस के एक अधिकारी के खिलाफ लीगल एक्शन शुरू करें।
मध्य प्रदेश मनी लांड्रिंग केस में इलेक्शन कमीशन लगातार फीडबैक ले रहा है
बात यहीं खत्म नहीं हुई क्योंकि इलेक्शन कमीशन लगातार इस केस का फीडबैक भी ले रहा है बताया गया है कि इन्वेस्टिगेशन के दौरान 281 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग पाई गई है। खबरों में तो यह भी बताया गया था कि दिल्ली के जिस इलाके में कमलनाथ का घर है वहां से कांग्रेस पार्टी के हेड क्वार्टर को 20 करोड़ रुपए कैश ट्रांसफर किया गया था।
उल्लेखनीय है कि आयकर के छापे तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों राजेंद्र मिगलानी रिश्तेदार रतुल पुरी कमलनाथ के ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, कॉन्ट्रेक्टर अश्विनी शर्मा प्रतीक जोशी व हिमांशु शर्मा के यहां छापे पड़ने से कमलनाथ पहले से ही शक के दायरे में है।
मामले की जांच और आंच कमल नाथ व गांधी परिवार तक जाएगी
फिलहाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर इस मामले को कानूनी दायरे में ला दिया है। कहा जा रहा है कि इस मामले में जांच और आंच पूर्व मुख्यमंत्री कमलना थ, सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी तक जा सकती है, साथ ही कांग्रेस के आधा सैकड़ा से अधिक विधायकों का बचना भी मुश्किल बताया जा रहा है।