
चेक डेम निर्माण बना जेब भरने का जरिया, हुआ लाखों रुपयों का बंदरबांट
अनुपयोगी स्थान पर मनमाना निर्माण किया जा रहा है
मजदूरों के बदले जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है काम
सचिव ने की करोड़ों रुपए की आर्थिक अनिमिताताए
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 10 जनवरी 2021, जिले भर में पंचायतों द्वारा जारी मनमाने निर्माण कार्य करा कर फर्जी बिलों के माध्यम से मोटी रकम डकारने के मामले नई बात नहीं है शासन की राशि किसी भी तरह से अपने जेब में करने की मंशा से नियम कायदे सब ताक पर रख दिए गए है।
जनपद पंचायत करंजिया की ग्राम पंचायत ठाढ़ पथरा में कराए जा रहे चेक डेम निर्माण के कार्य स्थान लिम्हा टोला में तकनीकी स्वीकृति के विरूद्ध मनमाने ढंग से डेम का निर्माण करा कर लाखों रुपए जिम्मेदार पंचायत और तकनीकी अमले कि साठगांठ से डकारे जाने की चर्चा है। बताया जाता है कि नाले की जगह जंगल में बरसाती पानी की निकासी वाले स्थान पर मनमाने ढंग से बिना निर्धारित गहराई की खुदाई किए जमीन के ऊपर ही दो तीन चेक डेमो का निर्माण कर 10 से 15 लाख रुपए प्रति डेम उपयांत्री की मिली भगत से मूल्यांकन करा कर राशि आहरण कर लिया गया। उक्त स्थान पर नाले की गहराई नहीं होने से पानी के भराव की कोई भी संभावना नहीं होने और शासन की राशि से बने पूरी तरह अनुपयोगी चेक डेम के ऊपरी हिस्से में अब जेसीबी मशीन से खुदाई करवाई जा रही है ताकि दिखावे के लिए कुछ पानी इनमें भरा जा सके।
पचास से 100 मीटर की दूरी पर बना दिए गए अनुपयोगी डेम
ग्राम पंचायत ने सिर्फ शासन कि राशि डकारने के चलते इन डेमो को अनुपयोगी स्थान पर बनवा दिया बताया जाता है कि एक उथले नाले पर जिससे सिर्फ बरसाती पानी का बहाव मौसम में हुआ करता है वहां पचास से सौ मीटर की दूरी पर इन बांधों का निर्माण पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा आंख मूंद कर करा दिया जिनका मूल्यांकन भी मिलीभगत के चलते सब इंजीनियर द्वारा कर दिए गए है, ग्राम पंचायत द्वारा जिस स्थान पर डेम का निर्माण किया गया है उससे पचास मीटर पहले बोल्डर पत्थर बंधान बना हुआ है ऐसे में उसके इतने करीब पंद्रह लाख रुपए की राशि से चेक डेम का निर्माण कराया जाना गंभीर गड़बड़ी है जिसमें सब इंजीनियर मुख्य रूप से दोषी माने जा सकते है।
सचिव ने करोड़ों रुपए की आर्थिक गड़बड़ियां की
ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव बहादुर सिंह बट्टी के पास इसके अलावा उमरिया ग्राम पंचायत का भी प्रभार है और उनके द्वारा नियम विरूद्ध लगभग एक करोड़ रुपए का भुगतान अवैध ढंग से अपने परिजनों के नाम पर भुगतान किया गया है किन्तु उसके बाद भी जनपद के जिम्मेदारों की आंखे बंद है। कुछ माह पहले उक्त सचिव के द्वारा मृतक महिला के खाते में मजदूरी भुगतान का मामला भी प्रमाणित पाए जाने के बाद जनपद द्वारा कार्यवाही करने के बजाय राशि पंचायत के खाते में जमा करा कर मिलीभगत कर मामले को निपटा दिया गया।
उपयंत्री के खिलाफ जनता आक्रोशित
बताया जाता है कि संबंधित ग्राम पंचायत का प्रभार सब इंजीनियर प्रदीप द्विवेदी के पास है उनके पास जनपद की दर्जन भर से अधिक ग्राम पंचायतो का प्रभार है और लगभग सभी पंचायतों में उनकी कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है। बताया जाता है कि घटिया और मनमाने निर्माण कार्यों का मूल्यांकन उनके द्वारा साठगांठ के चलते घर बैठे किया जाता है। आरोप यह भी है कि पंचायतों द्वारा बनाए जा रहे चेक डेम में प्राक्कलन के अनुसार न तो स्टील का उपयोग किया जा रहा है न ही निर्धारित गहराई तक खुदाई करके कांक्रीट डाला जा रहा है तब भी इन कार्यों का मूल्यांकन कर पूरी राशि का आहरण और फर्जी बिलों का भुगतान किया जा रहा है। इनकी प्रभार वाली पंचायतों में निर्मित चेक डेम और उनके भौतिक मूल्यांकन की मांग उठ रही है। सूत्र बताते है कि इनकी कार्यप्रणाली से नाराज़ ग्रामीण लामबंद है और बहुत ही जल्दी इनके खिलाफ शिकायतों की आवाज जिला प्रशासन तक पहुंचेगी।