
“माई की रसोई” में परिक्रमावासियों को मिल रही है शुद्ध भोजन, आवास और चिकित्सा की सुविधा
मां भवतारिणी मंदिर समिति की सराहनीय पहल
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 5 फरवरी 2021, जिला मुख्यालय में नर्मदा पुल पर हंस नगर में स्थित मां भवतारिणी मंदिर समिति के सदस्यों और नगर के प्रबुद्धजनों ने नर्मदा परिक्रमा में निकले साधु संतों की सेवा की मानवीय पहल प्रारंभ की है।
मां भवतारिणी समिति के द्वारा सर्वसुविधा युक्त धर्मशाला का निर्माण कराया गया है जिसका उद्देश्य नर्मदा परिक्रमा पथ उत्तरतट से गुजरने वाले परिक्रमावासियों को भोजन, आवास एवं चिकित्सा सुविधा आसानी से मुहैया कराना है।
विगत दिनों कन्याओं के पूजन और भोजन के बाद धर्मशाला में माई की रसोई का भी शुभारंभ किया गया है जहां उत्तर तट से नर्मदा की परिक्रमा करने वाले साधु संतों को दिन में चाय नाश्ता व भोजन तथा रात्रि में भोजन प्रसादी के साथ ही आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि उत्तर तट से परिक्रमा करने वाले साधु संतों को इस मार्ग पर रुकने की सुविधा कम जगहों पर ही उपलब्ध हो पाती है। परिक्रमावासियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने भोजन एवं रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है।
माताओं बहनों ने लिया साधु संतों को भोजन बनाकर देने का संकल्प
मंदिर समिति के सदस्यों के अलावा हंस नगर क्षेत्र में रहने वाली माताओं बहनों का सहयोग भी माई की रसोई में मिल रहा है। यहां बहनों ने साधु संतों को भोजन बनाकर देने का संकल्प उठाया है यहां बहनों ने एक समूह बनाकर साधु संतों को भोजन बना कर देने के लिए अपने दैनिक दिनचर्या से निवृत्त होकर एक क्रम तैयार किया है जो पारी पारी माई की रसोई में अपनी सेवाएं देती है।
साधु संतों के लिए चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध
नर्मदा परिक्रमा पर निकले साधु-संतों को यहां भोजन आवास के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है। चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में नगर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ गिरीश प्रशनानी का सहयोग प्राप्त होता है वही सिंह मेडिकल स्टोर की ओर से निशुल्क दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है
नगर के प्रबुद्ध दानदाता भी करते हैं सहयोग
बता दें कि सर्व सुविधा युक्त सुसज्जित धर्मशाला में मंदिर समिति तो सहयोग कर ही रही है। इसके अलावा नगर के गणमान्य नागरिकों और मां नर्मदा के भक्तों का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। साधु संत जो यहां पर आकर रात्रि विश्राम करते हैं उन्होंने बताया कि पूरे मार्ग में इस प्रकार की सेवा सुविधा बहुत कम जगह पर उपलब्ध होती है मां नर्मदा की परिक्रमा में निकले साधु-संतों ने यहां के व्यवस्थापकों, माताओं बहनों तथा दानदाताओं को साधुवाद दिया है।