कर्जदार युवक घर से गायब, पत्र में लिखा सूदखोरों से हूँ परेशान

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बजाग का मामला

जनपथ टुडे, डिण्डोरी 10 फरवरी 2021, प्रतिबंध के बावजूद आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले में सूदखोरों का धंधा जोरों पर चल रहा है। हालात यह है कि मोटा मुनाफा कमाने और चार गुना सूद वसूलने के चक्कर में तथाकथित सूदखोरों की प्रताड़ना का शिकार आमनागरिक हो रहे हैं। ताजा मामला मंगलवार की शाम को बजाग मुख्यालय में सामने आया है जहां सूदखोरों के चुंगल में फंसा कर्जदार युवक डर के चलते घर छोड़ भाग गया।

कर्ज और ब्याज के बोझ के तले दबे पीड़ित पवन विश्वकर्मा पिता सुभाष ने घर छोड़ने के पहले एक पत्र भी लिखा है। जिसमें लेख है कि वह क्षेत्र के सूदखोरों से परेशान है और घर परिवार छोड़ कर जा रहा है। मामले पर पुलिस ने पवन की गुमशुदगी दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पवन छोटी मोटी ठेकेदारी का काम करता है, इसी कार्य में उसको पैसों की जरूरत होने पर ब्याज से रकम लेनी पड़ी और चार गुना ब्याज न चुकाने पर तथाकथित साहूकारों और उनके गुर्गो की प्रताड़ना का शिकार पवन हो गया और दबाव के चलते घर छोड़ भाग गया। पूरे मसले से साफ हो जाता है की जिले में अबैध साहूकारी प्रथा चल रही है। जबकि आदिवासी बाहुल्य जिला होने के चलते यहाँ साहूकारी प्रथा प्रतिबंधित है। अब जरूरी है कि इस संगठित अपराध के विरुद्ध पुलिस प्रशासन को नकेल कसने कार्यवाही करनी चाहिए। इस बाबद सरकार ने कानून भी बनाया है जिसके मुताबिक साहूकारी या कर्जा एक्ट की धारा 4 में कर्ज की वसूली के लिए प्रताड़ित करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है। कर्ज वापसी के लिए प्रताड़ित करने वालों के लिए इस एक्ट में तीन माह या 500 रुपए जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। साथ ही जबरन वसूली और ब्लैकमेलिंग के लिए भारतीय दंड विधान की धाराओं के तहत भी करवाई का प्रावधान है।


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