
आरक्षण समाप्त करने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दलित युवक मार्च में पहली सुनवाई होगी
सुप्रीम कोर्ट में मंजूर हुई आरक्षण समाप्त करने की याचिका
आरक्षण समाप्त कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दलित युवा मार्च में पहली सुनवाई होगी
जनपथ टुडे, डिंडोरी, डेस्क रिपोर्ट, मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रामपुरा तहसील का एक दलित युवक आरक्षण समाप्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। युवक की ओर से दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में मंजूर कर ली है। आर्थिक रूप से सक्षम लोगों का आरक्षण समाप्त करने के लिए युवक ने उच्चतम न्यायालय की शरण ली है।
कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण देने का अधिकार सरकार के विवेक पर छोड़ कर राजनीति को गरमा दिया है। वहीं रामपुरा निवासी विक्रम सिंह पिता केसरीमल बागडे ने आरक्षण समाप्त करने की याचिका दायर कर एक नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने के लिए 25 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका क्रमांक 9099 एससीआई/पीआईएल (ई) 2020 को सुप्रीम कोर्ट में 2 फरवरी 2020 को स्वीकार कर लिया है। विक्रम अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं उनके पिता चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है, परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। 12वीं के बाद उन्होंने आरक्षण का लाभ नहीं लिया, कॉलेज छात्रवृत्ति भी नहीं ली। आरक्षण कोटे से नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं किया उन्होंने याचिका में सांसद, विधायक, मंत्री, प्रथम श्रेणी अधिकारी आदि का आरक्षण समाप्त कराने की मांग की है। नौकरियों में नेताओं के बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिले इसका उल्लेख भी याचिका में है। इस मामले की पहली सुनवाई मार्च में होगी।
कर चुके है आरक्षण समाप्त करने की पहल
विक्रम ने मार्च 2017 में स्वयं पहल करते हुए अपना जाति प्रमाण पत्र लौटाने के साथ आरक्षण समाप्त करने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता को प्रधानमंत्री के नाम आवेदन भी दिया था। कलेक्टर को भी आरक्षण समाप्त करने के लिए बागडे ने आवेदन दिया, लेकिन स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद विक्रम ने सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने का निर्णय लिया याचिका के माध्यम से उन्होंने अपील की है कि ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे कोई भी व्यक्ति स्वेक्षा से देशहित में आरक्षण छोड़ सके।
वास्तविक लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा
मेरी याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार हो गई है। मार्च में पहली सुनवाई होगी, याचिका में सांसद, विधायक, मंत्री, प्रथम श्रेणी अधिकारी आदि का आरक्षण समाप्त कराने की मांग की है। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी इस याचिका में वास्तविक लोगों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
विक्रम सिंह बागडे,
याचिकाकर्ता
निवासी रामपुरा, नीमच