
विकास दुबे एनकाउंटर/ मदद के आरोप में 6 आईपीएस अफसर समेत 76 पुलिसवालों के खिलाफ जांच के आदेश
गृह मंत्रालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और यूपी के गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
जनपथ टुडे, 15 मार्च 2021, गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले को करीब 8 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन अब तक इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। नई कड़ियां सामने आ रही है। खबर है कि इस केस की जांच में पहले से फंसे 6 ऑफिसर्स के साथ ही 76 और पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है। इन सभी अफसरों पर विकास दुबे की मदद करने का आरोप है। इन सभी की अब जांच की जाएगी।
वकील ने जो लिस्ट सौंपी है उसके हिसाब से 6 आईपीएस अधिकारी 16 पीपीएस समेत 54 पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे की मदद का आरोप है। गृह मंत्रालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और यूपी के गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने जवाबी रिपोर्ट भी मांगी है।
76 पुलिसकर्मियों की जांच के आदेश
वकील सौरभ सिंह भदोरिया का कहना है गैंगस्टर विकास दुबे मामले में करीब 76 पुलिसकर्मियों की शिकायत गृह मंत्रालय से की गई थी, इसमें 6 आईपीएस अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। शिकायत में ये भी कहा गया है कि इन्हीं अधिकारियों ने समय समय पर विकास दुबे और उसके साथी जयकांत बाजपेई की मदद की थी। वहीं दूसरे पुलिसकर्मियों ने भी अलग-अलग लेवल पर विकास दुबे को बचाने की कोशिश की। वकील के मुताबिक गृह सचिव ने पुलिसकर्मियों के बयान के लिए अगले हफ्ते तक का समय तय किया है।
विकास दुबे की मदद के आरोप में फंसे पुलिसकर्मी
यूपी में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे का जुलाई 2020 में एनकाउंटर किया गया था। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार कर पुलिस से कानपुर ले जा रही थी। कानपुर पहुंचने से ही 2 किलोमीटर पहले ही यूपी एसटीएफ की गाड़ी पलट गई थी। जिसका फायदा उठाकर विकास दुबे ने वहां से भागने की कोशिश की, पुलिस ने जवाबी कार्यवाही करते हुए विकास दुबे पर गोली चला दी थी। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई अब 76 पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे की समय-समय पर मदद करने का आरोप है। इस मामले की अब जांच की जाएगी। उक्त एनकाउंटर पर शुरू से ही सवाल उठते रहे है और आरोप लगाए जाते रहे है कि विकास दुबे आने वाले समय में उसे संरक्षण देने वाली कई प्रतिष्ठित लोगों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की पोल खोल सकता है।