मुकेश पटेल SE और सचिव को सेवामुक्त किए जाने की अनुशंसा के बाद चैक डैम में की जा रही लीपापोती

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  1. जांच में उजागर हो चुकी है वित्तीय अनियमितता

  2. निर्माण कार्य के सूचना पटल पर हुई लीपापोती

  3. स्टाप डैम में कथित ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है कार्य

  4. मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी अब तक कार्यवाही नहीं

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 15 जनवरी 2022, मेहंदवानी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत भुरका में निर्मित चैक डैम के घटिया निर्माण की शिकायत पर जांच में गुणवत्ताहीन निर्माण कराए जाने और अधूरे निर्माण कार्य की पूरी स्वीकृत राशि के देयक पंचायत द्वारा प्रस्तुत किए जाने पर सहायक यंत्री द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में वित्तीय अनियमितता और गुणवत्ताहीन निर्माण पाए जाने के बाद, सीईओ जनपद पंचायत द्वारा सब इंजीनियर मुकेश पटेल, रोजगार सहायक व प्रभारी सचिव की सेवा समाप्ति और शासकीय राशि की वसूली किए जाने की अनुशंसा सीईओ जिला पंचायत से दिनांक 23/11/2022 को पत्र के माध्यम से की गई थी। जिस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है वहीं उक्त चैक डैम में लीपापोती करने मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। बताया जाता है कि सब इंजीनियर मुकेश पटेल द्वारा कथित ठेकेदार के माध्यम से न केवल चेक डेम में लीपापोती करवाई जा रही है बल्कि निर्माण कार्य से संबंधित सूचना पटल पर भी कार्य शुरू होने और कार्य पूर्णता की दिनांक को पोत दिया गया है। जिसको लेकर चर्चा है की सब इंजीनियर द्वारा सैटअप बनाकर अब अधूरे कार्य को पूरा कराया जा रहा है जबकि सीईओ जनपद पंचायत मेहंदवानी के पत्र में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि उक्त कार्य की स्वीकृत राशि के सम्पूर्ण देयक पंचायत द्वारा प्रस्तुत किए जा चुके है। जबकि निर्माण कार्य 22/11/2022 तक उनके निरीक्षण के दौरान अधूरा पाया गया था। सवाल यह उठता है कि जब पूर्व में ही निर्माण कार्य की पूर्ण राशि व्यय की जा चुकी थी तो अब मरम्मत कार्य किस राशि से करवाया जा रहा है? उक्त मामले की जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भी है और जिला कलेक्टर विकास मिश्रा ने विगत दिनों पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्पष्ट किया था कि गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्होंने सब इंजीनियर मुकेश पटेल के मामले में सेवा समाप्ति की कार्यवाही का विशेष रूप से उल्लेख किया था , किन्तु जनपद सीईओ की अनुसंशा के लगभग दो माह बाद भी अब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होने और गुणवत्ताहीन चैक डैम में अब कराए जा रहे मरम्मत कार्य को लेकर चर्चा है कि अब इंजीनियर ने लीपापोती कर बचने का रास्ता निकाल लिया है। पूर्व ने ही आहरित कर ली गई राशि से अब निर्माण कार्य की मरम्मत की जा रही है।

घटिया निर्माण कार्य की लीपापोती जारी

13 जनवरी को “जनपथ टुडे” की टीम ने उक्त निर्माण स्थल पर चल रहे निर्माण कार्य के बारे में प्रभारी सचिव से जानकारी लेने का प्रयास किया तो वे कैमरे के सामने कोई भी जवाब नहीं दे सके। वहीं एसडीओ एचएस परस्ते ने फोन पर हमारे प्रतिनिधि को बताया कि शेष बची हुई राशि से मरम्मत का कार्य करवाया हा रहा है। सब इंजीनियर मुकेश पटेल का कहना है कि शेष बची हुई राशि से कार्य करवाया जा रहा है। सूचना पटल में की जा रही लीपापोती पर उनका कहना है कि रोजगार सहायक ने गलती से तिथियों का उल्लेख कर दिया था, इसलिए उसे पोत दिया गया है। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कार्य में लगभग 10 लाख रुपए का भुगतान हो चुका है, शेष राशि के देयक प्रस्तुत किए गए है। तब यह जांच का विषय है कि अब उक्त चैक डैम में किस राशि से मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है। दूसरा बड़ा सवाल यह भी है कि सहायक यंत्री स्तर के तकनीकी अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य की जांच उपरांत प्रस्तुत किए गए जांच प्रतिवेदन में घटिया निर्माण होने और व्यय की गई राशि का निर्माण नहीं पाया जाने पर वित्तीय अनियमितता किए जाने का उल्लेख करने और जांच के आधार पर जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा 22/11/2022 को कार्य का निरीक्षण किए जाने और कार्य स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार नहीं होने और स्वीकृत राशि रू 1242010/- का मूल्यांकन कर सम्पूर्ण राशि के देयक प्रस्तुत किए जाने को अनुचित वित्तीय लाभ लेना मानते हुए सब इंजीनियर, रोजगार सहायक व प्रभारी सचिव की संविदा सेवा समाप्त करने की अनुशंसा 23/ 11/ 2022 को की गई थी, करीब करीब दो माह बाद भी उक्त लोगों के विरुद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है?

कार्य पूर्णता की तिथि के एक साल बाद की जा रही मरम्मत

उक्त निर्माण कार्य में जांच के दौरान कार्य अधूरा होने, निर्माण गुणवत्ताहीन पाए जाने और वित्तीय अनियमितता उजागर होने के बाद अब उक्त चैक डैम में ठेकेदार द्वारा मरम्मत के नाम पर की जा रही लीपापोती पर सवाल उठ रहे है। उक्त चैक डैम निर्माण स्थल पर निर्माण के दौरान मनरेगा योजना के निर्देशानुसार प्रदर्शित बोर्ड में कार्य प्रारंभ तिथि 16/5/2021 और पूर्णता दिनांक 10/1/2022 दर्शाई गई थी। अचरज की बात यह है कि उक्त चैक डैम में पूर्णता तिथि एक साल बाद मरम्मत कराई जा रही है। जिसकी वजह सब इंजीनियर मुकेश पटेल बताते है कि बरसात में पानी अधिक होने के कारण शेष कार्य और मरम्मत अब कराई जा रही है यानी 13/01/2023 को उनका तर्क समझ से परे है, पूर्णता तिथि 10 जनवरी 2022 के बाद पूरा गर्मी का मौसम निकल गया तब शेष कार्य और मरम्मत क्यों नहीं कराई गई और अब जब उनके विरूद्ध कार्यवाही की अनुसंशा और जिला प्रशासन का सख्त रुख दिखाई दिया तब एक साल के बाद सब इंजीनियर और सचिव, रोजगार सहायक अपनी नौकरी और वसूली कि प्रक्रिया से बचने के लिए लीपापोती कर रहे है।

खैर तमाम आरोप, शिकायत, जांच, अनुशंसा और प्रशासन द्वारा कार्यवाही के साफ संकेत के बाद अब तक कार्यवाही न होने से आमजन के मन में यह सवाल है कि गवन और घटिया निर्माण के दोषियों पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी या फिर गड़बड़ी प्रमाणित पाए जाने के बाद भी दोषी अमला निर्माण कार्य में लीपापोती कर बच जाएगा?



कार्यवाही से बचने और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास

फिलहाल भुरका पंचायत के जिस चैक डैम निर्माण कार्य को घटिया पाया गया है और वित्तीय अनियमितता के चलते कार्यवाही की प्रक्रिया लंबित है। उसने साल भर बाद मरम्मत की जा रही है। जिस पर सब इंजीनियर और एसडीओ का कहना है कि शेष बची राशि का कार्य करवाया जा रहा है, बारिश की वजह से काम अब हो रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि शिकायत और कार्यवाही से बचने के लिए प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास सब इंजीनियर, सरपंच और सचिव द्वारा किया जा रहा है। 2022 की गर्मियों में शेष कार्य और मरम्मत नहीं करवाई गई जब शिकायत की जांच पर कार्यवाही की प्रक्रिया चल रही है तब खुद को बचाने और जांच प्रतिवेदन को ग़लत साबित करने के लिए उक्त कार्य किया जाना प्रतीत होता है।

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