
करंजिया में वर्षों पुराने शासकीय आवास हुए खंडहर
करंजिया मुख्यालय में नए आवास नहीं होने से विवश शासकीय कर्मचारी
काजिया ब्लॉक मुख्यालय में शासकीय कर्मचारियों के लिए बनाए गए वर्षों पुराने आवासों की स्थिति खंडहर हो गयी है। इसके बावजूद यहां रहने के लिए कर्मचारी विवश है। जानकारी के मुताबिक पिछले कई वर्षों से प्रशासन द्वारा इन शासकीय आवासों की मरम्मत भी नहीं कराई गई और न ही यहां नए शासकीय आवास बनाये गए है। जिसका खामियाजा ब्लाक मुख्यालय के कर्मचारी को उठाना पड़ रहा है।
इधर जर्जर आवासों में रहने वाले कर्मचारियों में हो रही समस्याओं के चलते रोष भी व्याप्त है। कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वर्तमान में शासकीय अवासों की हालत यह हो चुकी है कि हर मौसम में इन जर्जर आवासो में खतरे का अंदेशा रहता है। सबसे अधिक समस्या बारिश के मौसम में हो रही है जहां कर्मचारियों का अपने खर्चे से पॉलीथिन बांधकर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि यहां बने अधिकारियों तक के आवास बदहाल हो चुके है।
जिसके चलते यहां पहुंने वाली सड़को के गड्डों का पानी तक इन जर्जर आवासों में घुसता है। वही लाइट की समस्या भी बनी रहती है। वर्तमान में कई आवासा का आलम यह है कि न छप्पर है न तो दरवाजा खिड़की है। दीवारों में दरारे व सीलन इस कदर है कि चाहे जब ये गिर जाए। यहां पर आवास में लोग छप्परों में तिरपाल लगा कर सुरक्षित महसूस कर रहे है।
बताया गया है कि जनपद मुख्यालय में 32 आवास है जिसमें दो तो पूरी तरह से खंडहर हो चुके है, जिसके चलते इनमें कोई नहीं रहता है। जबकि 30 आवास ऐसे है जिन में कर्मचारी रहते है। कर्मचारियों ने बताया कि इन आवासों में रहने से हमेशा भय और दहशत बनी रहती है। कर्मचारियों ने बताया कि इस संबंध में कई बार प्रशासन को जानकारी दी जा चुकी है किंतु मांग सकारात्मक नतीजे तक नहीं पहुंची ।
जनपद पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी अशोक सावनेर ने बताया कि मुख्यालय के आवास की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है जिसकी जानकारी जिले में भेजी जाएगी।