नेशनल लोक अदालत से लौटी परिवारिक खुशियां

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 11सितंबर 2021, कभी-कभी छोटी सी बात को लेकर भ्रम की इतनी बड़ी स्थिति बन जाती है की बड़े से बड़े संबंधों के नष्ट होने और परिवार के टूटने का खतरा पैदा हो जाता है। किंतु अगर ऐसे मामलों में मध्यस्थ सही तरीके से समस्या को सुनकर उसके निराकरण को प्रयास करें तो अनेकों घरों, संबंधों और परिवारों को उजड़ने से रोका जा सकता है।

ऐसा ही एक सुखद दृश्य आज नेशनल लोक अदालत में देखने को मिला जहां कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी सुरेश कुमार चौबे और उनके पीठ के सदस्यों के द्वारा परिवारिक समस्या के चलते पृथक-पृथक जीवन जी रहे दो परिवारों को पुनः एक होकर खुशी खुशी साथ जीने के लिए सम्मान करके विदा किया गया।

पहला मामला टिकरिया ग्राम के उसरी टोला थाना डिंडोरी के एक बैगा परिवार का है प्रकरण क्रमांक 167 /18 फूलमती पति जेठू बैगा एक दूसरे पर चरित्रिक लांछन के चलते दोषारोपण करते हुए अलग अलग रह रहे थे। जो न्यायालय की समझाइश के बाद अपने सभी वहमो-गुमान को दूर करके साथ साथ रहने को राजी हो गए और खुशी-खुशी राजीनामा कर एक साथ अपने घर गए।

इसी प्रकार दूसरा प्रकरण क्रमांक 113/20 कमलवती पति कमलेश निवासी ग्राम सलवाह थाना घुघरी जिला मंडला का था इसमें भी एक दूसरे के ऊपर शंका करने के कारण लगातार विवाद होता था और दोनों तंग आकर अलग-अलग रह रहे थे। किंतु आज न्यायालय में दोनों पक्षों को सुनने के बाद और समझाइश देने के बाद दोनों पति पत्नी एक बार फिर अपनी तमाम पुरानी बाते भुलाते हुए खुशी खुशी साथ में रहने को राजी हो गए। तब उनका सम्मान किया गया और उन्हें एक साथ रवाना किया गया।

माननीय न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार चौबे महोदय और पीठ की संवेदनशीलता सटीक परामर्श अभिभावकीय शैली के उत्कृष्ट उदाहरण से परिवारों की कटुता समाप्त हुई और दोनों परिवार में पुनः मधुर संबंध स्थापित हो गए।

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