
अवैध रूप से बगैर फार्मासिस्टों के चल रहे हैं जिले में मेडिकल स्टोर
मेडिकल स्टोर्स का औचक निरीक्षण किया जावे, दस्तावेजों की जांच की जावे
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 16 सितंबर 2021, विगत लंबे समय से आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में लगातार इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हो रही है कि डिंडोरी जिले में अधिकतर मेडिकल स्टोर जिन फार्मासिस्टों के नाम पर पंजीकृत है वह फार्मासिस्ट न तो दुकान पर उपलब्ध है और न जिले में ऐसी दुकानों का संचालन अनाड़ी लोगों के द्वारा किया जा रहा है।इस प्रकार की गंभीर अनियमितता और लापरवाही स्वास्थ्य संबंधी विषय के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। बिना विशेषज्ञ और प्रशिक्षित व्यक्ति के दवा दुकानों से बेरोकटोक खुलेआम दवाइयां बेची जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार औषध विभाग की अकर्मण्यता और लापरवाही के चलते जिले में इस तरह की अनियमितता को बड़े रूप से बढ़ावा मिला हुआ है।प्रतिबंधित दवाएं और नकली दवाएं भी बेची जा रही हैं। इस ओर बार-बार ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी ड्रग इंस्पेक्टर और औषध विभाग कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। उसे इस लापरवाही और अनियमितता से होने वाले गंभीर परिणामों की कोई चिंता नहीं है। एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवा का विक्रय कार्य एक ही व्यक्ति जो कि विशेषज्ञ भी नहीं है जिसके पास कोई विधि से मान्य डिग्री नहीं है और न हीं प्रमाणित अभिलेख पर दर्शित व्यक्ति दुकान पर उपस्थित होते है। जिससे दवाओं की कालाबाजारी और अवैध विक्रय की पूर्ण संभावना रहती है। औषधि निरीक्षक और आयुष विभाग से अपेक्षा है कि वह अपनी कुंभकरण की नींद से जागे और इस आदिवासी जिले में ढेरों ऐसे मेडिकल स्टोर जो अवैध रूप से चल रहे हैं उन के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें ताकि जिले के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके और भविष्य के किसी बड़े खतरे और दुष्परिणाम को टाला जा सके। मानव स्वास्थ्य से हो रहे खुले खिलवाड़ और सिर्फ कारोबार के लिए नियमों को ठेंगा दिखा रहे जिले के मेडिकल स्टोर्स पर जिला प्रशासन से तत्काल कठोर कार्यवाही की जनपेक्षा है।