बैगा जाति के गरीब परिवार को नहीं मिल रहा राशन

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जनपथ टुडे, डिंडोरी अप्रैल 22, 2020, सरकार के बड़े बड़े दावे और इस विषम समय में गरीबों के भरण पोषण की जिम्मेदारियों की सारी बाते थोथी लगती है जब ग्रामीण अंचलों में गरीब परिवार राशन की दरकार लिए कभी राशन दुकान तो कभी पंचायत तो कभी और कहीं भटकते दिखाई। देते है पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है लॉक डॉउन के चलते न तो वो अपनी व्यथा सुनाने किसी अधिकारी के पास जा सकते है और न ही कार्यालय खुले हुए है।

ये तो सरकार ही बता सकती है कि उसकी घोषणाओं और उचित व्यवस्थाओं की निगरानी कोन कर रहा है, गड़बड़ी करने वालो पर किसकी निगरानी हो रही है गरीबों की पेट भरने का दावा सरकार आखिर किस सिस्टम के बूते कर रही है?

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम गनवाही, अझवा र का गरीब बैगा परिवार जिसका मुखिया ल्ल्लू मरावी बैगा जाति का है पत्नी सहित उसके तीन बच्चे इन दिनों घर में अनाज नहीं न होने से परेशान है और अपना राशन कार्ड, आधार कार्ड, आदि दस्तावेज लिए पंचायत, सचिव और उचित मूल्य की दुकान के चक्कर काट रहा है अपने

परिवार को लेकर, पर फिर भी उसे परिवार का पेट भरने कहीं से राशन नहीं मिला। जिला मुख्यालय में खाद्य विभाग का कार्यालय भी लॉक डॉउन संबंधितों के फोन लगते नहीं या फिर बंद है। अधिकारियों के लिए छोटी हो सकती है ऐसी समस्या पर जिले में ऐसे सैकड़ों परिवार सिस्टम की नाकामी के चलते भूखे घूम रहे है जबकि शासन के द्वारा बड़ी मात्रा में अनाज जिले कि दुकानों में पहुंचाया जा रहा है ।

 

किस केटेगिरी का है गरीब?

लॉक डॉ उन के दौरान गरीब परिवारों को कम से कम अपने परिवार का पेट भरने की समस्या नहीं आए इसके लिए प्रदेश शासन ने कमजोर वर्ग के लोगों को लगभग 25 कैटेगिरी घोषित की है जिन्हे इस विषम स्थिति में उचित मूल्य की दुकानों से पेट भरने के लिए मुफ्त और उचित दर पर इन लोगो को खाद्यान्न मिल सके फिर भी पता नहीं ये गरीब किस केटेगिरी का है कि इसे सरकार की लंबी चौड़ी घोषणा के बाद भी अपने परिवार को पालने के लिए खड्यान नहीं मिल पा रहा है।

 

(सुरेंद्र परस्ते, शर्मापुर शाहपुर की रिपोर्ट)

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