
धान खरीदी केन्द्र के नियम और सरकार की गलत नीतियों पर किसानों का फूटा गुस्सा
टीकाराम मरावी :-
जमा होकर किसानों ने जताया विरोध
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 22 नवम्बर 2021, बजाग तहसील मुख्यालय सहित आसपास के पूरे क्षेत्र के किसान इस समय बरसात और बूंदाबांदी के चलते आफत का सामना कर रहे है। वहीं दूसरे तरफ धान खरीदी केन्द्र के फरमान और नियमों से किसान बहुत अधिक परेशान हो रहे है।
धान खरीदी केंद्र प्रभारियों ने गाँवो मे कोटवार के द्वारा ढिढोरा पिटवा कर जिन किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है, उन किसानों ने जिस मोबाइल नंबर से पंजीयन कराया है उसी मोबाइल नंबर को अपने आधार कार्ड के साथ आधार केन्द्र में जाकर लिंक करवाने के साथ ही जिस बैंक खाते में धान की भुगतान राशि जमा होना हैं उस संबंधित बैंक मे जाकर आधार और मोबाइल नंबर से लिंक कराए। ताकि किसानों का धान बिक्री की भुगतान की राशि बैंक में जमा हो तो किसानों को बैंक से मैसेज द्वारा सूचना मिले और किसानों को धान खरीदी केन्द्र में बिक्री के लिए भी मैसेज के द्वारा उनके मोबाइल पर सूचना मिले।
अब रही बात किसानों को होने वाले समस्या :-
किसानों ने जैसे तैसे धान बिक्री के लिए पंजीयन तो करवा लिया, किसी अन्य और भाई भतीजे या पड़ोसियों के मोबाइल नंबर से। अब यहां इनको समस्या यह हो रही है कि जिसके पंजीयन उसी
के आधार कार्ड, उसी खाता नंबर व उसी के मोबाइल नंबर से है तब तो उन्हें मैसेज के माध्यम से धान खरीदी की सूचना मिल पाएगी। किन्तु अन्य व्यक्ति के नम्बर से उसे बिक्री की जानकारी के अलावा भुगतान आदि की जानकारी मिलने में जानकारी तो होगी ही वहीं किसी अन्य व्यक्ति का मोबाइल नम्बर उसके आधार कार्ड, बैंक के वाई सी जुड़े होने पर समस्या बन रही है। जिसके चलते अब किसान मजबूरन मोबाइल और सीम खरीदने मे लगे है, इसके लिए पैसे का इंतजाम करने में कई किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
आधार केंद्र और लोक सेवा केन्द्र पर लूट
किसान राम सिंह निवासी अंगई ने बताया की मै खेती का सारा काम काज छोड़कर लोकसेवा केन्द्र, आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक कराने आया हू। बगैर 100 रुपए लिए केंद्र के संचालन कर्ता उनका लिंक नही कर रहे है।
इसी तरह किसान हीरा सिंह, बुधराम सिंह, भवर सिंह, साधुराम आदि किसानों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि पुराने तहसील कार्यालय में आधार केन्द्र खोला गया है जहां पर 70 रूपये लेकर आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक किया जा रहा है। किसानों का कहना है क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, अधिकारी किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे है। किसान दिनभर यहां से वहा भटकते घूम रहे है वहीं विकासखंड बजाग में माफिया और दलाल मजबूर किसान और सरकार की नीतियों के बीच अपनी जेबें भरने में लगा है। इन पर किसी तरह का कोई अंकुश है न किसानों को हो रही कठिनाइयों का हल निकालने प्रशासनिक अधिकारी किसानों की सुध ले रहे है। एक ओर बरसात का मौसम बनने से किसान अपनी फसल इर खलिहान की देखरेख को लेकर चिंतित है वहीं सरकारी नियम निर्देश और दलालों से क्षेत्र के किसान हकाकान है।
किसानों के सामने खड़ी समस्या और निरंकुश ही चुके दलालों पर प्रशासनिक अमला नकेल कस सकता है। पर यहां गरीब, कमजोर, आदिवासी किसान दिन दहाड़े ठगा जा रहा है और व्यवस्था मुक दर्शक बनी बैठी है। बजाग में परेशान किसानों ने पंजीयन केंद्र पर जमा होकर विरोध किया तब भी उनकी कोई सुनवाई करने जिम्मेदार व्यक्ति नहीं आया वहीं परेशान किसानों द्वारा केंद्रों पर की जा रही अवैध वसूली और परेशान करने वाली व्यवस्थाओं का विरोध किया जा रहा है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ किसान विरोध भी व्यक्त कर रहे है।