
ठाड़पथरा: चकरार में डैम मरम्मत कार्य, घटिया निर्माण कर लाखों रुपए डकारने के आरोप
वन ग्राम बने भ्रष्टाचार का अड्डा
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 20 अगस्त 2022, पंचायती राज व्यवस्था अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार और शासन की राशि हड़पने के लिए, बैगा और वन बाहुल्य दूरसय ग्राम बहुत आसान जरिया बन चुके है। दूर वन ग्रामों में मनमाना निर्माण कर भोले भाले ग्रामीणों के चलते बिना फिक्र के भारी भ्रष्टाचार जारी है। सब इंजीनियर और सरपंच, सचिव निर्माण कार्य के नाम पर घटिया कार्य कराकर शासकीय राशि का गोलमाल कर रहे है। दूर क्षेत्रों में न तो कोई शासकीय अधिकारी निरीक्षण करने जाता है और न ही जनप्रतिनिधि और आमजनों की अधिक आवाजाही है, जिसके चलते जंगल में मंगल मनाने वाले भ्रष्ट अमले के लिए ये क्षेत्र बरदान साबित हो रहे है।
ऐसा ही कुछ देखने मिलता है वन क्षेत्र की
ग्राम पंचायत ठाड़पथरा के ग्राम चकरार में
डेम रेनोवेशन कार्य के नाम पर लगभग आठ लाख रुपए की राशि आहरण कर घटिया निर्माण किए जाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्लास्टर, पुताई और थोड़ा बहुत कांक्रीट कार्य करके प्रभारी सचिव और सब इंजीनियर की मिली भगत से शासकीय राशि आहरित कर भ्रष्टाचार किया गया है। जिसकी जांच कराई जावे।
सिर्फ मरम्मत कार्य पर लाखों खर्च :
पहले से निर्मित डैम में मरम्मत के नाम पर मनरेगा योजना अन्तर्गत लगभग 8 लाख रुपए का खर्च बताया जा रहा है। जिसमें कांक्रीट में बड़े बड़े बोल्डर डालकर भराव कार्य किया गया है जो साफ दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों का भी आरोप है कि कंक्रीट के जगह बड़ी मात्रा में पत्थर भरकर ऊपरी हिस्से को प्लास्टर कर रंगपोत दिया गया है और इंजीनियर व सचिव के द्वारा राशि का आहरण कर लिया गया है। लाखों रुपए खर्च के बाद भी उक्त डैम की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो रहे है जहां जल भराव की संभावना अब भी न के बराबर है, ग्राउंड लेबल की उचाई पर निर्मित उक्त डैम के निर्माण और पुनः मरम्मत पर मोटी राशि खर्च किए जाने की उपयोगिता सवालों के घेरे में है। क्या सिर्फ शासकीय राशि खुर्द मुर्द किए जाने और अपने चहेते ठेकेदारों को उपकृत किए जाने के लिए शासकीय राशि व्यय की जा रही है। वहीं घटिया निर्माण कार्य भी जांच के दायरे में है जिसकी जांच कराकर निर्माण कार्य के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार को उजागर किया जा सकता है। ग्रामीणों को कराए गए घटिया कार्य की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की जनपेक्षा जिला प्रशासन से है।