
बिलगांव सिंचाई जलाशय में रखी गई बैठक में गरीब मछुआरों की नहीं हुई सुनवाई
स्थानीय मछुआरों ने बैठक में अधिकारियों का किया विरोध
अधिकारी राजनैतिक पहुंच व बड़े लोगों के पक्ष में, गरीब मछुवारों की सुनवाई नहीं होने के आरोप
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 11 फरवरी 2022, जिले के सबसे बड़े बांध बिलगांव सिंचाई जलाशय में मत्स्य पालन हेतु फर्जी मछुवारों की समिति का पंजीयन किए जाने के आरोप लग रहे है। वहीं बिलगांव के परंपरागत मछुवारों को उनके पुस्तैनी व्यवसाय से बेदखल करने और फर्जी संस्था को जलाशय आबंटित करने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। जिस पर बिलगांव के मछुवारों के द्वारा आपत्ति दर्ज करवाते हुए जारी विज्ञप्ति को निरस्त करने का आवेदन जिला कलेक्टर डिंडोरी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डिंडोरी को किया गया था। जिस पर कार्यवाही करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डिंडोरी द्वारा जांच दल गठित कर मौके पर जांच करने एवं मछुवारों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए थे। जिस पर मछुवारों के साथ समिति पंजीयन पर विभाग द्वारा किए गए भेदभाव का विषय शामिल है।
उक्त जांच प्रक्रिया पर आरोप लगाते हुए स्थानीय मछुआरो ने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया है। उनके अनुसार जांच दल द्वारा मछुवारों की कोई सीमा न सुनते हुए अधिकारी फर्जी संस्था का पक्ष करते नजर आए। वहीं सहायक संचालक मत्स्य विभाग डी के झरिया व मत्स्य निरीक्षक एल एस सैयाम द्वारा मछली नीति 2008 से हट कर निर्णय लिया जा रहा है। इनका कहना है वंशानुगत मछुवारों को कोई प्राथमिकता नही है। जिसकी समिती का पंजीयन हो गया जलाशय उसे ही आवंटित किया जाएगा। जबकि मछली नीति 2008 मे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर वंशानुगत मछुवारों को समिति बनाकर पट्टा देने का प्रावधान है। वहीं जांच दल द्वारा किसी प्रकार की कोई जांच या कार्यवाही नहीं की है, न ही स्थानीय मछुवारों की बात सुनी गई।
मध्य प्रदेश शासन के बार बार दिशा निर्देश के बाद भी मछली पालन विभाग द्वारा वंशानुगत मछुवारों का शोषण किया जा रहा है। वहीं अमीर पूंजीपतियों से राजनैतिक संरक्षण में साठगांठ कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।अधिकारियों के निर्णय को ग़लत बताते हुए बैठक के दौरान स्थानीय मछुआरों ने विरोध किया और मामले लेकर आगे शिकायत करने की बात कही है।