
परम्परा के नाम पर गांवों में कोबिड के निर्देशों का बन रहा मजाक
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 3 अगस्त 2020, दो दिन पहले जिले में एक साथ 10 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे, आज फिर दो लोगो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब तक जिले में 50 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है। गौरतलब है कि जिले की स्थिति नियंत्रण में थी और जिला कोरोना मुक्त हो चुका था किन्तु फिर से जिले में केसो की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसमें लोगो के द्वारा कोबिड – 19 के निर्देशों का पालन न करना, मास्क और सोशल डिस्टेंस की अवहेलना की जाना भी एक बड़ी वजह है।
पहले बाहर से आए प्रवासी ही कोरोना संक्रमित पाए गए थे किन्तु अब स्थानीय लोग भी संक्रमित होते जा रहे है जिसका ताज़ा उदाहरण 1 अगस्त को अमरपुर ब्लॉक के भानपुर क्षेत्र में ए एन एम, आशा कार्यकर्ता और आगनवाड़ी कार्यकर्ता संक्रमित पाई गई है, जो निर्देशों का पूरी तरह पालन न किए जाने और लापरवाही का नतीजा है। इसके बाद जिले में लगभग 90 लोगो को कोरांटाइन किए जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है। इसी तरह कल जिन दो लोगो को संक्रमित पाया गया है उनमें से पोड़ीटोला में घर में संक्रमित व्यक्ति के ढाबे में पार्टी करने, बाजार में घूमने फिरने की जानकारी सूत्रों से मिल रही है जबकि यह व्यक्ति होम कवारांटाइन था, इन लापरवाहियों से पूरे समाज पर संकट गहरा रहा है पर लोग इसको गंभीरता से नहीं ले रहे है।
कोरोना संक्रमण के फैलाव को ले कर प्रशासन कड़े कदम उठा रहा है। जिले में आटो और टैक्सियों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। 4 दिन का कंप्लीट लॉक डॉउन आज सुबह तक था, जिसका असर जिला मुख्यालयों पर कुछ विकासखंड मुख्यालयों में तो दिख रहा है पर ग्रामीण क्षेत्रों में सब कुछ चल रहा है न कोई सोचने वाला है, न कोई रोकने वाला, न ही कहीं किसी और कोई कार्यवाही करने वाला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कल सुबह से एक सामूहिक आयोजन जिसे ग्रन्थ व चौक आरती व सामूहिक भंडारे का कार्यक्रम बताया जा रहा है ग्राम पिंडरूखी में चल रहा था जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हुए, डीजे स्पीकर सबका उपयोग हुआ
न कोई दो गज की दूरी, न मास्क न कोई अनुमति इस तरह से खुले आम लॉक डॉउन का उलंघन किया गया इस कार्यक्रम में बच्चे बूढे व महिलाये सभी शामिल होने की जानकारी प्राप्त हो रही है, सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोग भी आयोजन में शामिल हुए पर किसी न कोई आपत्ति नहीं की न इसकी सूचना जिम्मेदार अधिकारियों को दी गई। जिला मुख्यालय के नजदीक के ग्रामों में सब कुछ जारी है लोग बेखौफ है।
आज कजलिया पर परम्पराओं को फिर जोर शोर से निभाया जाएगा, कोबिड के निर्देशो को तोड़ते हुए।
ग्रामीण अंचल में सख्ती की जरूरत
लगभग 900 गांव है जिले में और वहां लॉक डॉउन के निर्देशों का पालन न के बराबर हो रहा है, प्रशासन की सक्रियता और पुलिस की मुस्तैदी जिले के 12 से 15 नगरो और कस्बों तक सीमित है तब क्या असर पड़ेगा शासन और प्रशासन के लॉक डॉउन संबंधी निर्देशों का, जिले में पिछले पांच माह से लागू धारा 144 का, यदि यू ही ग्रामीण अंचलों में आस्था और परम्पराओं के नाम पर तमाशे चलते रहे और जिम्मेदार ग्रामीणजन मौन बैठे रहे विरोध से बचते रहे तो जिले में कोरोना का फैलाव रोकना संभव नहीं होगा।