
धूमधाम से मनाया गया 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म दिन
मंदिरों के अलावा घरों में भी आयोजित किए गए विशेष पूजन और अनुष्ठान
जैन समाज द्वारा निकाली गई भव्य शोभा यात्रा
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 14 अप्रैल 2022, (प्रकाश मिश्रा) जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर भगवान के जन्म कल्याणक का उत्सव 14 अप्रैल गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। नगर में स्थित जैन समुदाय के धर्म स्थल मंदिर से भगवान महावीर की पालकी एवं शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्ग से ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई। शोभायात्रा में जैन धर्म अनुयाई महिला, पुरुष एवं बच्चे बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
तीनों मंदिरों की पालकियां हुई शोभायात्रा में शामिल
डिंडोरी नगर में जैन धर्म को आस्था के साथ मानने वाले अनुयायियों की संख्या काफी तादाद में है। नगर में तीन अलग-अलग स्थानों पर जैन मंदिर स्थित है जहां तीर्थंकर दिगंबर भगवान महावीर की प्रतिमाएं स्थापित है। कार्यक्रम की शुरुआत खनूजा कॉलोनी स्थित जैन मंदिर से हुई जहां भगवान महावीर की पालकी के साथ शोभायात्रा प्रारंभ की गई जो नगर के मध्य में स्थित पुराने जैन मंदिर पहुंची वहां से मुख्य मार्ग में स्थित जैन मंदिर में शोभा यात्रा का स्वागत एवं पूजन किया गया। जिसके बाद विशाल शोभा यात्रा नगर में भ्रमण करते हुए पुनः मंदिर पहुंची।
दुनिया को अहिंसा परमो धर्म का संदेश देने वाले भगवान महावीर के जन्मदिवस का यह दिन बहुत ही खास होता है। जैन धर्म अनुयाई इस दिन मंदिरों के अलावा अपने घरों में भी विशेष पूजन तथा चालीसा पाठ इत्यादि का आयोजन कर भगवान महावीर का सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कुंडलपुर के राजघराने में लगभग 599 ईसा पूर्व माता त्रिशला एवं पिता सिद्धार्थ के घर जन्म लेने वाले दिव्य बालक वर्धमान ने राजशी ठाट बाट एवं भौतिक सुख सुविधाओं को त्याग कर महज 30 वर्ष की आयु में अपना घर त्याग दिया तथा 12 वर्ष की कठिन तपस्या करते हुए केवल ज्ञान प्राप्त किया और तीर्थंकर कहलाए। भगवान महावीर ने निर्वस्त्र रहकर कठिन मौन साधना की जिसके फलस्वरूप वे दिगंबर भी कहलाए। हर साल जैन धर्म में आस्था रखने वाले लोग महावीर जयंती को धूमधाम से मनाते हैं।