पानी के लिये त्राहिमाम : जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी नहीं मिल रहा पानी

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ग्रामीणों ने कही की सड़क जाम, तो कही ग्रामीणों ने दी सड़क जाम करने की चेतावनी

जनपथ टुडे, डिंडौरी, 18 मई 2022, जिले के ग्रामीण इलाकों में भीषण पेय जल संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीण पेयजल के लिये या तो झिरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर या फिर दूसरे गांव से पानी लेकर आ रहे है।आदमी की छोड़े मवेशियों तक को पानी नही मिल पा रहा है।ग्रामीणों ने इस पेयजल संकट से छुटकारा पाने के लिये कई बार अधिकारियों को शिकायत सौपी, ज्ञापन सौपा। जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, मंत्रियों का काफिला तक रोका, लेकिन ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नही हो पाया। लिहाजा ग्रामीण कही अधिकारियों के पास जाकर सड़क जाम करने की चेतावनी दे रहे है तो कही ग्रामीण महिला एवं पुरुष बच्चों के साथ सड़क पर बैठ गए है और अधिकारी केवल समझाइश दे रहे है पानी नहीं दे पा रहे है।

मेहंदवानी और शहपुरा जनपद के ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक समस्या


जानकारी के अनुसार मेहद्ववानी और शहपुरा जनपद पंचायत के इलाकों में सबसे ज्यादा जल संकट की स्थिति बनी हुई है ।ग्राम पंचायत बरखेड़ा के सैकड़ो ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर एस डी एम कार्यालय, जनपद पंचायत कार्यालय और शहपुरा थाना पहुँच कर गुहार लगाई।

ग्रामीण छोटे सिंह, मंगल सिंह व पूरन ने बताया कि लगभग चार सौ परिवार गांव में रहते है। पिछले तीन साल से गांव में लगे बारह हैण्डपम्प खराब पड़े है।पुरानी नल जल योजना डेढ़ माह से बन्द है। गर्मी का समय आते ही कुआँ, झिरिया, तालाब सूख चुके है। आदमी के साथ साथ मवेशियों तक को पानी नही मिल पा रहा है, हालात ये है कई कई दिनों तक पानी की समस्या के चलते लोग स्नान तक नही कर पा रहे है। अब लोग दूसरे गांव से पानी लेकर आ रहे है। ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक के अधिकारियों को कई बार शिकायत दे चुके है। लेकिन पानी की व्यवस्था नही कराई जा रही है, एक बार फिर ज्ञापन सौपा है।अधिकारियों ने दो दिन के अंदर पेयजल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। अगर दो दिन में पानी नही मिला तो ग्राम के लोग सड़क जाम करेंगे।

सुबह से सड़क जाम करने बैठ गए ग्रामीण

इधर मेहद्ववानी जनपद मुख्यालय में सैकड़ो की संख्या महिला पुरुष व बच्चे पानी की समस्या को लेकर सड़क पर बैठ गए है।सूचना मिलने के दो घंटे बाद पुलिस व विभागीय अधिकारी ग्रामीणों को समझाइश दे रहे है। सड़क जाम पर बैठी ग्रामीण महिला शकुन बाई, फगनी, लक्ष्मी ने बताया कि कुछ दिनों तक तो दो दिन में पानी मिल ही जाता था। लेकिन अभी एक सप्ताह से पानी ही नही मिल रहा है। कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते और जिले के प्रभारी मंत्री डॉक्टर मोहन यादव का काफिला रोककर पानी की समस्या बताई थी। लेकिन पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है।

पैसा जारी ग्राम पंचायत के जिम्मेदार नही कर रहे सहयोग ग्रामीण इलाकों में गहराते पेयजल संकट को लेकर पी एच ई विभाग के एक्स्युटिव इंजीनियर शिवम सिन्हा का कहना है कि बरखेड़ा गांव में सभी जल स्रोत सूख चुके है। ग्राम पंचायत को निर्देशित भी किया गया है कि टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करवाये। इसके अलावा वहाँ एक बार फिर बोर खनन कराया जा रहा है अगर पानी मिल जाता है तो अच्छी बात है, पेयजल व्यवस्था बहाल हो जाएगी। मेहद्ववानी ग्राम पंचायत को जिला पंचायत की ओर से लगभग दस लाख रुपये पेयजल व्यवस्था के लिये दिए गए है, लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा काम नही कराया गया है, इसलिये समस्या हो रही है। अबअधिकारियों को भेजकर काम शुरू करवाया जा रहा है।

पीएचई की न कोई कार्ययोजना न कोई आंकड़े उपलब्ध है

जिले में वर्षों से कार्यरत पीएचई विभाग को न तो संकट ग्रस्त ग्रामों की कोई जानकारी है न ही समय से पूर्व यहां जल आपूर्ति के लिए कोई योजना बनाई गई है। ग्रामीण परेशान होकर जब सड़क पर उतर आते है या जिला मुख्यालय शिकायत लेकर पहुंचते है तब आनन फानन में विभाग कार्यवाही करता है। जबकि ये सारी जानकारियां विभाग के मैदानी अमले को होना चाहिए। खराब पड़े हैंडपंप और जिनका जल स्तर नीचे चला जाता है उसकी जानकारी विभाग के पास होने के बाद भी विभाग कोई व्यवस्था तब तक नहीं करता जब तक जनता कोहराम न मचा दे। जिले में जल संकट की स्थिति तब है जब जल आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपयों की योजनाएं विभाग पूर्ण कर चुका है और लंबी चौड़ी योजनाओं पर काम जारी है पर ये सब कागजी योजनाएं है। जिनसे अधिक समस्याग्रस्त ग्रामों को पानी अब तक नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह कार्ययोजना निर्धारण के समय विभाग द्वारा की गई अनदेखी और लापरवाही है, जिसकी जिम्मेदारी पीएचई के अधिकारियों की है।

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