
मृत महिला की भूमि को फर्जी तरीके से विक्रय कर दिया गया
माफियाओं और रजिस्ट्रार पर साठगांठ का आरोप
विक्रय राशि भी शराब पिलाकर हड़प ली गई
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 मई 2022, जनसुनवाई में थाना प्रभारी और एसपी के नाम आवेदन लेकर पहुंची रयपुरा निवासी विधवा महिला ने डिंडोरी रजिस्ट्रार और माफियाओं पर साठगांठ कर भूमि का फर्जी तौर पर बिक्री किए जाने और राशि हड़प लिए जाने के आरोप लगाते हुए मामले में एफआईआर करवाए जाने और जांचकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
पीड़ित विधवा महिला द्वारा दिए गए लिखित आवेदन के अनुसार आवेदिका सबल बाई पति स्व. शिवराज मरावी ग्राम रयपुरा रैयत प.ह.न. 71 तहसील व जिला डिंडोरी की स्थाई निवासी हू। मेरे पति शिवराज मरावी एवं मेरी सास बुधवरिया बाई के नाम पर शामिल खाते की भूमि ग्राम रयपुरा रैयत में खसरा नं. 111 रकवा 2.09 हे. भूमि स्थित थी। मेरी सास बुधवरिया बाई की 26/04/2021 के पहले मृत्यु हो चुकी थी एवं मेरे पति शिवराज को शराब पिलाकर नशे की हालत में गाँव के कोटवार पंचम पडवार एवं रजिस्ट्रार कमल बारपात्रे दस्तावेज़ लेखक गयाप्रसाद दुबे ने साठ गांठ कर मेरी सास बुधवरिया बाई के स्थान पर किसी और महिला को खड़ा करके, भूमि की रजिस्ट्री करवा ली गई। जबकि उनकी मौत पहले ही हो चुकी थी मेरे पति को नशे की हालत में ले जाकर रजिस्ट्री करवाई गई। मेरे पति शिवराज को बाद में इसकी जानकारी लगी तब उनको इतना शराब पिलाया गया की उनकी मृत्यु हो गई। भूमि विक्रय करने पर जो भी पैसे राय सिंह पिता झन्नु से प्राप्त हुआ यह रकम गाँव के कोटवार पंचम सिंह दस्तावेज लेखक गया दुवे रजिस्ट्रार कमल बारपात्रे की साठ गांठ में रख लिया गया।
मैं एक बेसहारा आदिवासी महिला हूं। मेरे पति शिवराज को नशे में पूरी तरह से धुत करके रजिस्ट्रार कार्यालय में फोटो एवं दस्तखत लिये गये एवं मेरी सास के स्थान पर किसी और महिला को खड़े कराकर रजिस्ट्री पंजीयन फर्जी तरीके से कराया गया। जिसकी जांच करवाई जावे और दोषियों से राशि मुझे दिलवाई जावे। निवेदन है कि दस्तावेज लेखक गया दुवे रजिस्ट्रार कमल बारपात्रे कोटवार पंचम पडवार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।
जिले में कुछ भी संभव
कम पढ़े लिखे लोगों को झासा देकर इस तरह भूमि हड़पे जाने के कई मामले प्रकाश में आते है। जिन पर सख्त कार्यप्रणाली अपनाते हुए और गलत तरीके से भूमि हथियाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर इन्हें रोका जा सकता है। गरीब और आदिवासियों की भूमि और संपत्ति माफियों के चलते सुरक्षित नहीं है, जिसपर जिला प्रशासन को गंभीरता से कठोर कार्यवाही करते हुए पहल की जानी चाहिए ताकि अशिक्षा, नशाखोरी, और लालच देकर लोगों की भूमि भवन की खरीद बिक्री पर रोक लग सके।