
शहपुरा विधानसभा क्षेत्र में बदल रहे चुनावी समीकरण : भूपेंद्र मरावी के जनाधार पर संकट
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 5 नवम्बर 2023, डिंडोरी जिले की शहपुरा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 103, में चुनाव को लेकर माहौल गरम है और पार्टी कार्यकर्ता दिन रात एक कर रहे है। वहीं अब मतदाता भी क्षेत्र की स्थिति पर खुलकर बोल रहे है।
मुकाबला पुराने चेहरों के बीच
इस क्षेत्र में कांग्रेस से वर्तमान विधायक भूपेंद्र मरावी और भाजपा से पूर्व विधायक ओमप्रकाश धुर्वे चुनावी मैदान में है वही तीसरी बड़ी ताकत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोरते पूरी ताकत के साथ दूसरी बार इस क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे है। कुल मिलाकर मुख्यत: तीनों पुराने चेहरे ही मैदान में मुकाबले में है। जिन्हें क्षेत्र की जनता भलीभांति पहचानती है। इनमें से दो प्रत्याशियों को बतौर विधायक जनता पहले परख भी चुकी है और 2018 के चुनाव में मतदाताओं ने अपनी नाराजगी का बड़ा मुजाहरा करते हुए क्षेत्र के विधायक और केबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे को एक नए प्रत्याशी के सामने जमीन दिखा दी थी और कांग्रेस को लंबे अंतर से जीत दिलाई थी।
विधायकों को यहां हार मिलती रही है
ओमप्रकाश धुर्वे की हार के पहले इस क्षेत्र की जनता विधायक स्व. गंगा बाई उरैती को भी दो बार हार का मजा चखा चुकी है। वहीं भाजपा विधायक सी. एस. भवेदी को दोबारा मौका जनता ने नहीं दिया कुल मिलाकर इस क्षेत्र की जनता, उम्मीद पर खरे नहीं उतरते वाले विधायक का तत्काल हिसाब करने से नहीं चूकती है।
भूपेंद्र मरावी के लिए कठिन परीक्षा
इस बार पूरे क्षेत्र में ऐसी ही नाराजगी वर्तमान विधायक भूपेंद्र मरावी को लेकर देखी जा रही है। उनको लेकर अधिकतर जनता का कहना है कि जीतने के बाद पांच वर्षों में विधायक के दर्शन ही नहीं हुए कामकाज तो बहुत दूर की बात है। मेहंदवानी और अमरपुर विकासखंड में न सिर्फ आम मतदाताओं में विधायक की कार्यप्रणाली को लेकर बड़ी नाराजगी दिख रही है साथ ही में पार्टी कार्यकर्ता और पार्टी समर्थक भी केवल कुछ लोगों को महत्व दिए जाने के चलते विधायक से असंतुष्ठ है और क्षेत्र में उनके गिरते ग्राफ को देखकर घर बैठ गए बताए जाते है। विक्रमपुर और शाहपुर क्षेत्र में भी पार्टी की स्थिति बहुत नाजुक बताई जाती है। आखरी फैसला तो मतदाताओं के हाथ है पर क्षेत्र में रुझान विधायक भूपेंद्र मरावी के पक्ष में नहीं दिख रहा है। वहीं स्थानीय मीडिया में भी उनकी कार्यपद्धति को लेकर भारी असंतोष देखा जा रहा है।
क्षेत्र से दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोरते क्षेत्र से दूसरी बार मैदान में है और अब वे भी एक मौका मतदाताओं से मांग रहे है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं में अत्यधिक उत्साह है। अमान सिंह पोरते शहपुरा क्षेत्र में पिछले एक साल से चुनाव की तैयारी में जुटे है और लगातार कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीण अंचलों में बैठको के चलते शहपुरा ब्लॉक में पार्टी पहले से कई गुना मजबूत होकर उभरी है। शाहपुर विक्रमपुर क्षेत्र में पार्टी सक्रिय है और मेहंद्वानी क्षेत्र में गोंडवाना पहले से ही अच्छी स्थिति में रही है और अब कांग्रेस की कमजोरी का लाभ भी उसके पक्ष में जा सकता है। अमरपुर क्षेत्र में कांग्रेसी कार्यकर्ता नाखुश है और ये बड़ा खेल कर सकते है।
कौन किससे आगे….
शहपुरा क्षेत्र की चुनावी स्थिति में कौन किससे आगे है यह बताना भले ही जानकारों के लिए कठिन हो पर पूरे क्षेत्र में सबसे अधिक सक्रिय दलाल पल भर में किसी को भी मजबूत और कमजोर करने की काबिलियत रखते है। प्रत्याशियों की तकदीर बदलने का इनका तजुर्बा तो काबिले तारीफ है। बिना किसी संस्थागत शिक्षा और प्रशिक्षण, बिना डिग्री डिप्लोमा के इस पिछड़े अंचल में इतने विलक्षण ज्ञानियों की पूरी फौज प्लेसमेंट के लिए तैयार! और ये इन दिनों बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों, उनके कार्यकर्ताओं और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार से अधिक सक्रिय है। कोई पूरे समाज का सौदा कर रहा है, कोई वर्ग का तो कोई गांव का, कोई विस्थापितों का तो कोई बांध प्रभावितों का। कीमत भी दस हजार के भीतर। इतनी कम कीमत पर अद्भुद कहानी लेकर ऐसे सैकड़ों दलाल कैंप कैंप घूमते फिर रहे है और चतुर चालाक नेताओं के पास भी इनसे बचने का कोई उपाय नहीं है। बड़ी पार्टियों के सक्षम उम्मीदवारों को ये आसानी से अपना निशाना बना लेते है। बस आखरी किस्त लेने के बाद इनको फिर खोजना बहुत मुश्किल है। इनकी जानकारी और समीक्षा के आधार पर कई सक्षम नेता भले खुश फहमी पाल ले पर चुनाव का फैसला मतदाताओं के हाथ में है दलालों के बस में नहीं और दलालों की समीक्षाओं से उलट फैसला आना तय है। पर फिलहाल चुनावी समर में सबसे आगे ये दलाल ही है जो प्रत्याशियों के घर से निकलने के पहले ही उनके दरवाजे पर डेरा डाले दिखाई देते है।
अत: में इस बार शहपुरा क्षेत्र में फेरबदल की संभावनाएं अधिक बताई जा रही है और इसका फायदा क्षेत्र के पूर्व विधायक को मिल पाएगा या जनता नए व्यक्ति को मौका देगी यह अगले माह की 3 तारीख को ही पता चलेगा पर क्षेत्र के रुझान संकेत जरूर देते है।