
जिला मुख्यालय के आसपास खुलेआम ओवरलोडिंग
पुलिस की आंखों में क्यों बंधी है पट्टी?
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 18 अगस्त 2022, जिले या यू कहे कि जिला मुख्यालय में ही पुलिस व्यवस्थाएं पूरी तरह से चौपट है और सदियों पुरानी अराजकता पर डिंडोरी पुलिस लगाम लगाने में पूरी तरह असफल या समझा जाए की निष्क्रिय है। सड़कों पर मनमानी ओवरलोडिंग खुलेआम जारी है वह भी जिला मुख्यालय में पर मजाल की यातायात पुलिस या कोतवाली पुलिस इस ख़तरनाक और जानलेवा व्यवस्था को रोक पाए। टैक्सी चालक बनाम माफिया खुलेआम लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है, नियमों को ताक पर रखकर वाहनों में ऊपर तक सवारीया लादकर न्योसा घाट जैसे खतरनाक रास्ते पर दिनभर वाहन दौड़ते रहते है और पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास तक नहीं करती, आखिर क्यों? ये बड़ा सवाल है। परिवहन विभाग के नियमों की परवाह किए बिना जोखिमपूर्ण और अमानवीय यातायात व्यवस्था कैसे कायम है इन्हे पुलिस और कानून का खौफ क्यों नहीं है? जैसे कई सवाल स्थानीय पुलिस पर जरूर लगते है।
गौरतलब है कि नर्मदा पार मुख्य मार्ग से मुड़की, नेवसा रोड पर टैक्सी चालक और ऑटो चालक क्षमता से कई गुना अधिक सवारियों को नीचे से ऊपर तक लादकर खुलेआम नित्य देखे जा सकते है। पर ये डिंडोरी पुलिस को कतई दिखाई नहीं देंता यह भी बड़े अचरज की बात है। यदि पुलिस द्वारा समय समय पर नियम विरूद्ध परिवहन करने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती तो शायद ही वाहन मालिक इस तरह खुलेआम जोखिमपूर्ण कृत्य को अंजाम देते। पर पुलिस की निष्क्रियता के चलते आमलोगों के जीवन से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न केवल इन वाहनों में सवार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है बल्कि इन वाहनों के कारण इन मार्गो पर अन्य वाहन चालकों को भी क्रॉसिंग और ओवरलोडिंग में भारी संकट का सामना करना पड़ता है, पर लोग अपनी परेशानी कहे किससे?
यातायात पुलिस को सिर्फ दो पहिया वाहनों पर कार्यवाही से मतलब
डिंडोरी पुलिस की कार्यवाही दो पहिया वाहन चालकों पर सख्त है। जेल बिल्डिंग के आस पास, मंडला नाके पर दिनभर तैनात दिखने वाली पुलिस को मानो यातायात नियमों का पालन करवाने सिर्फ दो पहिया वाहन चालक ही नजर आते है। मुड़की रोड पर सालों से जारी अराजक यातायात व्यवस्था पर यातायात का अमला एक दिन भी रोक नहीं लगा पा रहा, नर्मदा पार पुलिस का जांच अभियान क्यों नहीं चलता इसको लेकर लोग सवाल करते है। सूत्रों की माने तो मुड़की और न्योसा मार्ग पर सवारी ढोने वाले बहुत से वाहन बिना परमिट के संचालित किए जा रहे है और जो बिना संरक्षण के संभव नहीं है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से जनापेक्षा
जिला मुख्यालय में व्याप्त जारी यह जानलेवा और अराजक व्यवस्था वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की नाक के नीचे कायम है जो बड़े अचरज का विषय है। जिले के आमजनता के सुरक्षा की जिम्मेदारी और अराजकता फैलाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की है। पुलिस के आला अफसर यदि मुख्यालय के पांच किमी की परिधि का औचक निरीक्षण कर ले तो माफिया बन चुके वाहन चालकों का कारनामा और पुलिस की खामोशी पर कुछ लगाम जरूर लगाई जा सकती है।