
मेहंदवानी कॉलेज की प्राध्यापक डॉ. मनीषा कोल का रौद्र रूप : वीडियो वायरल
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 6 सितंबर 2022, मेहंदवानी महाविद्याल में सहायक प्राध्यापक मनीषा कोल और प्रभारी प्राचार्य के बीच विवाद एक बार फिर गरमा गया है। काफी समय से चला आ रहा विवाद एक बार फिर चर्चा में है। सहायक प्राध्यापक के द्वारा की जा रही झूठी शिकायकत एंव थाने में प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध झूठी FIR दर्ज कराने के संबंध में महाविद्यालय के छात्र छात्राएं शिकायत करने जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और उन्होंने पूरे घटनाक्रम को लेकर लिखित आवेदन दिया है, जिसमें आरोप लगाए गए है की छात्र एवं छात्राओं को क्लास में मेडम द्वारा मानसिक तौर से प्रताडित किया जाता है और कहा जाता है कि प्रायोगिक एंव सी सी में कम अंक देगी, नहीं तो तुम लोग जैसा मैं कहू वैसा करो। मेरे पक्ष में गवाही दो मेडम के कहने पर हम लोगो के द्वारा झूठी गवाही नहीं दी गई तो उनके द्वारा हम लोगो को भी झूठे अरोपो में फंसाने की धमकी दी जाती है।
इनके द्वारा महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. मनोज कुमार व अन्य प्राध्यापकों के खिलाफ लगातार झूठी शिकायत मार्च 2020 से की जा रही है और दिनांक 03.09. 22 को की गई है। उस समय कक्ष कमांक 3 में BSC तृतीय वर्ष में उनकी कक्षा भी नही थी। मनोज कुशवाहा जी एवं अन्य स्टाप के द्वारा कोई गाली गलौज नहीं की गई एवं डा. सतनामी सर की क्लास रहती है। घटना के दौरान अनावश्यक आवेश में आकर कोल मेडम के द्वारा झूठी एफ आई आर दर्ज कराई गई है और अपशब्दों का प्रयोग किया। छात्रों ने महाविद्यालय के बिगड़ते माहौल और प्रभावित हो रही शिक्षा व्यवस्था को देखते हुए उक्त प्राध्यापक का कहीं और स्थानांतरण कर दिया जाये अन्यथा छात्र छात्राए आन्दोलन के लिये मजबूर होंगे।
सहायक प्राध्यापक का रौद्र रूप
उक्त घटनाक्रम से जुड़ा एक वीडियो भी क्षेत्र में वायरल हो रहा है जिसमें महिला प्राध्यापक अपने रौद्र रूप में दिख रही है और कक्षा के बाहर अन्य स्टाप तमाशे से बचने का प्रयास कर रहा है। वीडियो को देखकर महाविद्यालय का माहौल और स्टाप के आपसी विवाद के चलते प्रभावित हो रही पढ़ाई का अनुमान लगाया जा सकता है। वायरल हो रहे वीडियो की जनपथ टुडे पुष्टि नहीं करता है, इस वीडियो के संबंध में जांच की जाना आवश्यक है। जिससे उक्त घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार कौन है साफ हो जाएगा…। जिला प्रशासन को उक्त मामले में जांचकर दोषी पक्ष के विरूद्ध कार्यवाही शीघ् की जानी चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य खराब होने से बचाया जा सके और आपसी विवाद और राजनीति में छात्रों को घसीटे जाने से बचाया जा सके।