मीडिया के सामने छलका आंदोलनरत शिक्षकों का दर्द, कहा हड़ताल शौक नहीं मजबूरी है

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सरकार अध्यापक साथियों के भविष्य की चिंता करे हम बच्चों की चिंता करेंगे

बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है इसका हमें ह्रदय से खेद है।

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 21 सितंबर 2022, (प्रकाश मिश्रा)-आजाद अध्यापक शिक्षक संघ अपनी प्रमुख मांग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सातवें दिन भी अनवरत आंदोलनरत होकर बैठे हुए हैं। जिले के सभी विकासखंडों में आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के द्वारा मुख्यरूप से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पिछले 7 दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसके चलते स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था लगभग चौपट हो चली है, कई स्कूल अतिथि शिक्षकों के सहारे खुल और बंद हो रहे हैं।

जिला मुख्यालय के नर्मदा पुल पार तंबू लगाकर हड़ताल कर रहे शिक्षकों ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर उनके धरना प्रदर्शन में शामिल होने के कारण स्कूल और शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। किंतु हड़ताल करना उनका शौक नहीं है, उनकी मजबूरी है। वह किसी भी हाल में नौनिहालों का नुकसान नहीं करना चाहते। मध्यप्रदेश सरकार से लगातार निवेदन करने के बाद भी किसी प्रकार का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है। जिसके कारण उन्हे विरोध का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है।

मांगों के संबंध में चर्चा करने भोपाल में डटा है, प्रतिनिधि मंडल

अभी भी जिले के अध्यापक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल के नेतृत्व में भोपाल जाकर संबंधित विभाग के मंत्रीगणों से चर्चा कर रहे हैं। किंतु कोई ठोस जवाब सरकार देने के मूड में दिखाई नहीं देती है। आंदोलनरत अध्यापक शिक्षकों की माने तो बढ़ती उम्र के साथ परिवार की जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं। सेवानिवृत्ति के बाद परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने, उनका भरण पोषण करने के लिए केवल पेंशन ही एक सहारा होती है जिसकी वे मांग कर रहे हैं। सरकार जितनी जल्दी हमारी एक मांग को पूरा कर देती है हम अगले ही क्षण अपने-अपने विद्यालयों में जाएंगे। इस दौरान हुए नुकसान की भरपाई अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर अतिरिक्त समय देकर पूरा करेंगे।

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