20 किमी जंगल से पैदल चलकर हाईस्कूल पहुंचते है बैगा बच्चे

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रूपेश सारीवान –

  • खारीडीह, चौरादादर, सोनतीरथ, ददरगावं, चकमी, कपोटी के बच्चों को करना पड़ता है संकटों का सामना

  • जंगल और जानवरों के खतरे के बीच देर शाम घर पहुंचते है बच्चे


जनपथ टुडे, डिंडोरी, 4 जनवरी 2022, करजियां विकास खण्ड अन्तर्गत हाईस्कूल गोपालपुर में बहुत से बैगा बच्चे और बच्चियों को लगभग 20 किलोमीटर दूर से पैदल चल करके स्कूल आना पड़ता है। बच्चे बताते है कि सुबह आठ बजे वे अपने घर से स्कूल के लिए निकलते है और लगभग 11 बजे स्कूल पहुचते है। घर से भूखे प्यासे सुबह आठ बजे पढ़ने निकले ये बच्चे वापसी में स्कूल की छुट्टी चार बजे होने के बाद पैदल साम 6 – 7 बजे तक घर पहुचते है। रास्ते में घना जंगल है जहां ठंड के मौसम में कम कपड़ों में इस बैगा बच्चों को भारी ठंड का भी सामना करना पड़ता है। ऊपर से वर्तमान समय में आसपास के जंगली क्षेत्रों में जानवरों का भी बहुत खतरा बना हुआ है। जंगली क्षेत्रों में हाथियों की भी खबर मिल रही है। जंगली हाथियों की लोकेशन भी आसपास ही बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त वैसे भी इन जंगली क्षेत्रों में वन्य जीव और जंतुओं का खतरा हमेशा रहता है।

बताया जाता है कि इन ग्रामीण क्षेत्र के बहुत से बैगा बच्चे इन्हीं समस्याओं के चलते पढ़ाई नहीं कर पाते और जो पढ़ रहे है उनके सामने समस्याएं और संकट हमेशा बना हुआ है। ठंड, बरसात, गर्मी सभी मौसम में इतनी दूर पैदल स्कूल आना जाना बच्चों के लिए परेशानी का सबब बना रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है की हाईस्कूल की व्यवस्था प्रशासन द्वारा ग्राम खारीडीह में की जाए साथ ही बालक छात्रावास हाईस्कूल के बच्चों के लिए एवं कन्या छात्रावास भी होना चाहिए खारीडीह में, ताकि खारीडीह, चौरादादर, सोनतीरथ, ददरगावं, चकमी, कपोटी के बच्चों को अच्छे से शिक्षा एवं रहने की व्यवस्था संभव हो सके। बैगा बहुल इन ग्रामों के बहुत से बच्चे और बच्चियां मिडिल स्कूल के बाद पढना तो चाहते है पर दूर स्कूल होने की वजह और व्यवस्थाओं की कमी होने कारण वे आठवीं के बाद पढाई बन्द कर देते है और ऐसे बच्चे प्राय जीवन यापन के लिए यहां से पलायन जाते है और सूरत, गुजरात, रायपुर, बिलासपुर, इंदौर मजदूरी करने चले जाते हैं। जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। क्षेत्रीय लोगों की जिले के सवेदी जिला कलेक्टर महोदय से मांग है कि वन अंचल के बैगा बच्चों की जटिल समस्याओं और उनके उज्जवल भविष्य को देखते हुए जल्दी से जल्दी खारीडिह में हाई स्कूल और छात्रावास संचालित करवाने की कार्यवाही करे ताकि क्षेत्र के अधिक से अधिक बच्चे पढ़ सके और वे मजदूरी करने पलायन की मजबूरी से बच सके।

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