जिपं. अध्यक्ष ने दी किसानों के हित में आंदोलन की चेतावनी

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 2 फरवरी 23, छात्र आंदोलन के दौरान अपना जनसमर्थन और शक्ति प्रदर्शन कर चुके जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते ने एक बार फिर जिला प्रशासन से शासकीय धान खरीदी से बंचित रह गए किसानों की धान खरीदे जाने की मांग करते हुए प्रशासन को किसान आंदोलन की चेतावनी दी है। हालाकि इन किसानों के हित में निर्णय लिए जाने की मांग जिला पंचायत अध्यक्ष पहले भी प्रशासन से कर चुके है किन्तु काफी समय बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई कारगर कार्यवाही अब तक नहीं की गई है, जबकि उनके द्वारा जिले के गरीब और छोटे किसानों के हित में की गई मांग वाजिब थी। अब आगे रुद्रेश परस्ते ने तीन दिन में बंचित किसानों की धान न खरीदे जाने की स्थिति में किसान आंदोलन की चेतावनी दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन खरीदी दिनांक 16/01/2023 तक और स्लॉट बुकिंग दिनांक 06/01/2023 तक था। धान खरीदी दिनांक के 10 दिन पूर्व ही स्लॉट बुकिंग करना बंद कर देने के कारण डिण्डौरी जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों में बहुत से किसानों की धान खरीदी नहीं हो पाई है। अतः अब किसानों की मांग है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन हेतु स्लॉट बुकिंग एवं खरीदी का समय दिया जावे ताकि बच गए किसानों को अवसर मिल सके।

रुदेश परस्ते ने खरीदी की तिथि 3 दिवस के अंदर बढाए जाने की मांग की है, अन्यथा जिले के कृषकों के साथ जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट डिण्डौरी में खरीदी से वंचित पूरी धान को रखकर किसान आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन – प्रशासन की होगी। उक्त मसले पर मुख्यमंत्री को पत्र लिख उन्होंने किसान आंदोलन की चेतावनी दी है।

प्रशासन किसानों के हित में क्या कार्यवाही करता है और आगे रुद्रेश परस्ते के नेतृत्व में कितने किसान आंदोलन में शामिल होते है यह तो समय ही बताएगा। पर जिले में आमजन की समस्याओं को मजबूती से उठाने का प्रयास जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है। जिसे भले की विरोधी राजनैतिक पैतरेबाजी कहे पर रुद्रेश परस्ते का जिले में जनसमर्थन बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। गलत नीति से प्रभावित हुए किसानों का यह मामला हो या आदिवासी छात्रों के हितों से खिलवाड़ का मामला हो इन्हे क्षेत्र के चुने हुए विधायकों को विधानसभा में उठाया जाना चाहिए पर अब तक तो ऐसा कुछ देखने में नहीं आ रहा है, जिसके चलते लोग विधायकों की कार्यप्रणाली का विरोध करते भी सुने जा रहे है। वहीं रुद्रेश परस्ते में अब लोग अधिक राजनैतिक संभावनाएं देख रहे है।

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