
जीर्णोद्धार के नाम पर घटिया कार्य किया गया, भ्रटाचार के आरोप
मिराज खान :-
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 28 फरवरी 23, जिले में जल संरचनाओं को सुरक्षित करने ग्रामीण रोजगार योजना अन्तर्गत स्टाप डेम और चेक डेम की मरम्मत और सुधार कार्यों हेतु जिले की पंचायतों को लाखों रुपए आवंटित किए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार हर पंचायत ने दो से तीन मरम्मत के कार्य करवाए गए जिसमें 5 – 9 लाख रुपयों तक की राशि शासन द्वारा व्यय की गई किन्तु इन कार्यों में गड़बड़ी और घटिया कार्य करवा कर मात्र रंग पोत कर जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण ने पंचायतों ने जमकर भ्रष्टाचार किया, प्रशासनिक अनदेखी का परिणाम यह है की इनमें से अधिकांश संरचनाएं अब भी अनुपयोगी साबित हो रही है। गर्मी के चलते जब नालों में पानी कम हुआ तो देखा जा रहा है कि अधिकांश डेमो से पानी की रिसाव हो रहा है और ग्रामीण पंचायतों पर लाखों रुपए डकार जाने का आरोप लगा रहे है। आश्चर्य की बात है कि ग्रामीणों के शोर मचाने के बाद भी जिला पंचायत प्रशासन और जनपद पंचायत जे अधिकारी चुपचाप बैठे है।
सरकारी अमला ही सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नही छोड़ रहा हैं। ताजा मामला अमरपुर जनपद की ग्राम पंचायत खैरदा का है जहां स्टाप डेम व चेक डेम की मरम्मत में उपयंत्री व जिले के अधिकारीयों के ढील ढाल भरे रवैये की वजह से घटिया कार्य भ्रष्टाचार किए जाने का स्पष्ट संकेत दे रहा है।
खैरदा के ग्राम बरगा में वर्ष 2022 में 8 लाख 91 हजार रुपयों की लागत से स्टाप डेम मरम्मतत का कार्य कराया गया। स्टाप डेम पर काम करने वाले मजदूर ही बताते हैं डेम निर्माण कार्य में बोल्डर भर कर रिपेरिंग का कार्य किया गया है। जो साफ तौर पर दिख भी रहे है और उक्त डेम से पानी का रिसाव हो रहा है। जबकि जिम्मेदार पंचायत और विभागीय अमले की मिलीभगत से उक्त कार्य की राशि का आहरण किया जाना बताया जाता है।
वहीं मजदूरी दर 204 रुपए प्रतिदिन होने की जानकारी साइन बोर्ड में अंकित है। किन्तु मजदूरों की माने तो कार्य में लगे मजदूरों को मात्र 150 रुपए प्रतिदिन की दर से भुगतान किया गया है। सवाल यह उठता है कि मजदूरों के हक पर यू खुले आम डाका डालने वालों पर प्रशासन कब तक मेहरबान बना रहेगा। जबकि निर्माण कार्य में लगे मजदूर खुद ही बता रहे है कि बोल्डर डालने की वजह से स्टाप डेम से रिसाव हो रहा है।
इनका कहना है –
“आपके माध्यम से जानकारी मिली है, कार्य को देख लूं इसके बाद ही आपको कुछ बता पाऊंगा। बिना देखे कुछ भी नही कह सकते।”
कार्यपालन यंत्री,
आर ई एस, डिंडोरी
“मजदूरों को किस दर से भुगतान किया गया है, इसकी जानकारी मस्टर देख कर बता पाउगा।”
अमित नानोटे,
उपयंत्री