
दिग्विजय सिंह पहले अपना घर संभाले – अमान सिंह पोर्ते
आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस का सफाया होने के खतरे से दिग्गी की बौखलाहट
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 8 अप्रैल 2023, मध्य प्रदेश गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मंडला आगमन पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विषय में दिए गए वक्तव्य पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसे सामंती मानसिकता निरूपित कर कहा है कि दिग्विजय सिंह को गरीबों की, आदिवासियों की, अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ने वाले दल अच्छे नहीं लगते हैं। वह स्वयं तो भाजपाई रंग में रंग चुके हैं पूरी कांग्रेस को भी डुबाने की, ऐसा लगता है कसम खा बैठे हैं। गोंडवाना पर टिप्पणी करने से पहले दिग्विजय सिंह को अपना घर संभालने की चिंता करनी चाहिए। क्योंकि प्रदेश की जनता को धोखा कांग्रेस के विधायकों ने ही दिया था और कांग्रेस के कारण ही आज मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को भाजपा का मददगार बताना उनकी छोटी मानसिकता है। क्या दिग्विजय सिंह यह बता सकते हैं कि जब बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में सालों से नहीं है फिर भी वहां क्यों चुनाव लड़ते हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश के राजनीतिक पटल पर उभरती हुई एक प्रखर संभावना है, जिससे भाजपा और कांग्रेस दोनों के होश उड़े हुए हैं। इसलिए दोनों दल जो सीधे-सीधे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से लोकतांत्रिक तरीके से टकराने में सक्षम नहीं है।वह अब षड्यंत्र का जाल बुनकर गोंडवाना पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। लेकिन इसका कोई असर होने वाला नहीं है और 2023 में मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री एक आदिवासी ही बनेगा इतना निश्चित है। जिसमें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की सबसे अहम भूमिका होगी। और कांग्रेस आदिवासी समाज के हितैषी बनकर उनके साथ धोखा करने वाले संगठनों को शरण देती है, और विधायक बनाती है। 2 अप्रैल को सिवनी में ऐसे ही कुछ अन्य संगठनों के सहारे इन्होंने आदिवासियों को साधने का प्रयास किया जो असफल नज़र आया जिसके बाद बौखलाहट में दिग्विजय सिंह अब गोंडवाना पार्टी पर मनमाने आरोप लगा रहे है जबकि वास्तविकता यह है कि पूरे मध्यप्रदेश में न कोई दिग्विजय सिंह को सुनने वाला है और न कोई इनकी बातों पर यकीन करता है। सिवनी में जहां अन्य प्रदेशों से कई बड़े नेताओं को दिग्विजय सिंह के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया वहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ नहीं आए, जो पार्टी की भीतरी कलह को उजागर भी करता है। प्रदेश का आदिवासी समाज अब जाग गया है और अपने लोगों को वोट करेगा आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलने वाला।दिग्विजय सिंह पहले अपना घर संभाले – अमान सिंह पोर्ते
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 8 अप्रैल 2023, मध्य प्रदेश गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मंडला आगमन पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विषय में दिए गए वक्तव्य पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसे सामंती मानसिकता निरूपित कर कहा है कि दिग्विजय सिंह को गरीबों की, आदिवासियों की, अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ने वाले दल अच्छे नहीं लगते हैं। वह स्वयं तो भाजपाई रंग में रंग चुके हैं पूरी कांग्रेस को भी डुबाने की, ऐसा लगता है कसम खा बैठे हैं। गोंडवाना पर टिप्पणी करने से पहले दिग्विजय सिंह को अपना घर संभालने की चिंता करनी चाहिए। क्योंकि प्रदेश की जनता को धोखा कांग्रेस के विधायकों ने ही दिया था और कांग्रेस के कारण ही आज मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को भाजपा का मददगार बताना उनकी छोटी मानसिकता है। क्या दिग्विजय सिंह यह बता सकते हैं कि जब बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में सालों से नहीं है फिर भी वहां क्यों चुनाव लड़ते हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश के राजनीतिक पटल पर उभरती हुई एक प्रखर संभावना है, जिससे भाजपा और कांग्रेस दोनों के होश उड़े हुए हैं। इसलिए दोनों दल जो सीधे-सीधे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से लोकतांत्रिक तरीके से टकराने में सक्षम नहीं है।वह अब षड्यंत्र का जाल बुनकर गोंडवाना पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। लेकिन इसका कोई असर होने वाला नहीं है और 2023 में मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री एक आदिवासी ही बनेगा इतना निश्चित है। जिसमें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की सबसे अहम भूमिका होगी। और कांग्रेस आदिवासी समाज के हितैषी बनकर उनके साथ धोखा करने वाले संगठनों को शरण देती है, और विधायक बनाती है। 2 अप्रैल को सिवनी में ऐसे ही कुछ अन्य संगठनों के सहारे इन्होंने आदिवासियों को साधने का प्रयास किया जो असफल नज़र आया जिसके बाद बौखलाहट में दिग्विजय सिंह अब गोंडवाना पार्टी पर मनमाने आरोप लगा रहे है जबकि वास्तविकता यह है कि पूरे मध्यप्रदेश में न कोई दिग्विजय सिंह को सुनने वाला है और न कोई इनकी बातों पर यकीन करता है। सिवनी में जहां अन्य प्रदेशों से कई बड़े नेताओं को दिग्विजय सिंह के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया वहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ नहीं आए, जो पार्टी की भीतरी कलह को उजागर भी करता है। प्रदेश का आदिवासी समाज अब जाग गया है और अपने लोगों को वोट करेगा आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलने वाला। आदिवासी क्षेत्रों में गोंडवाना पार्टी का बढ़ता ग्राफ और आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस का सफाया होने का खतरा पैदा हो गया है, इसलिए दिग्विजय सिंह अनाप-शनाप बयान दें रहें हैं, जिन्हें नोटिस में नहीं लिया जाना चाहिए।