
तालाब टूटने पर नोटिस जारी: जांच में सहयोग नहीं कर रहे जिम्मेदार अधिकारी
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कार्यपालन यंत्री के आदेश को ठेंगा दिखा रहे उपयंत्री और सहायक यंत्री
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जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत झिलमिला का मामला
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तालाब फूटने के मामले में EE ने जारी किया नोटिस
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 16 जुलाई 2023, नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार में डूबा पंचायती राज बरसात में सराबोर होता दिखाई दे रहा है। राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण के चलते बेईमान और लापरवाह अमला निश्चिंत है। वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यवाही से बेखौफ अमला विभाग द्वारा निर्देशों के बाद भी जांच में सहयोग करने तैयार नहीं है जो जिले में व्याप्त निरंकुश शासकीय कार्यप्रणाली का उदहारण मात्र है।
ऐसा ही मसला विगत दिनों जनपद पंचायत अमरपुर से सामने आया। प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्माणाधीन तालाब फूटने पर उपयंत्री और सहायक यंत्री को जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर EE के द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उनसे 3 दिन में जबाव तलब किया गया था, लेकिन 5 दिनों के बाद भी उपयंत्री और सहायक यंत्री ने कोई जबाव नहीं दिए जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है। इस तरह वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश और निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी। हालाकि इस लापरवाही पर उन के विरूद्ध कठोर कार्रवाई हो सकती है। फिर भी फिलहाल उन्हें बचाने के ही प्रयास होते दिख रहे हैं। जानकारी के अनुसार उपयंत्री और सहायक यंत्री को ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्य चलने के दौरान निरीक्षण, निगरानी और गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कराने के निर्देश है। लेकिन उपयंत्री और सहायक यंत्री के द्वारा अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निर्वहन नहीं किया जा रहा है। साथ ही लगातार निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। बीते दिनों जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत झिलमिला के पोषक ग्राम पथरिया में लाखों रुपए की लागत से नव निर्माणाधीन तालाब टूटने का मामला सामने आया था। नव निर्माणाधीन तालाब टूटने के मामले को संज्ञान में लेते हुए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सभांग डिंडौरी कार्यपालन यंत्री ने उपयंत्री मन्ना लाल जाधव और प्रभारी सहायक यंत्री के.पी.दुबे को तालाब टूटने से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया था। लेकिन 5 दिन बाद भी उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा जवाब प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किए जाने की जानकारी मिल रही है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत झिलमिला के पथरिया में मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए की लागत से तालाब निर्माण कार्य कराया गया है लेकिन निर्माण ऐजेंसी के द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कराए जाने के कारण तालाब टूट गया था। विगत दिनों हुई बारिश ने जिम्मेदारों द्वारा कराए गए तालाब निर्माण में की गई अनियतित्ताएं की पोल खोल दी थी।
कारण बताओ नोटिस
कार्यपालन यंत्री ने तालाब निर्माण में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि ग्राम पथरिया ग्रा.पं. झिलमिला जनपद पंचायत अमरपुर में मनेरगा मद अंतर्गत कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य टूटने की जानकारी मिली है। जो कार्य से संबंधित स्वीकृत तकनीकी प्राक्कलन नस्थी प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य पर व्यय विवरण सामग्री, मजदूरी एंव निर्माण कार्य से संबंधित माप पुस्तिका प्राप्त कर कार्यालय में प्रस्तुत करें. स्ट्रेक्चर टूटने से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर दें अन्यथा आपको सौंपे गये कार्यदायित्वों में लापरवाही बरतने के कारण म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी, जिसके लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।
नोटिसों से बेअसर उपयंत्री
शासकीय विभागों द्वारा जारी निर्देशों और अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों की अनदेखी उक्त उपयंत्री हमेशा करते रहे है और उन पर इन सरकारी टोटकों का कोई असर नहीं होता वास्तव में तो सर्जरी की दरकार है। गतवर्ष इनके कार्य क्षेत्र वाली पंचायतों में मनरेगा अन्तर्गत निर्माणाधीन कार्य स्थलों पर शासन के निर्देशों के अनुसार सूचना बोर्ड नहीं लगाए जाने पर सीईओ जनपद पंचायत द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। तब भी इनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं दिखता, सिधौली, बरसिघा में विभाग के द्वारा बनाए गए अमृत सरोवर के कार्यस्थल पर सूचना बोर्ड नहीं है। आमजन से कार्य की लागत, मजदूरी, सामग्री, क्षमता कैसे महत्वपूर्ण जानकारियां छुपाने के पीछे निर्माण एजेंसी का उद्देश्य क्या है? जबकि शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी है। आखिर जिले में कब तक यूं ही मनमानी कार्यप्रणाली चलती रहेगी और आला अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे?????