प्रभारी सब रजिस्टार ने कर दी न्यायालय में लंबित मामले में रजिस्ट्री

Listen to this article

रजिस्टार कार्यालय में दलालों का बोलबाला

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 11 अगस्त 2023, डिंडोरी जिला मुख्यतः आदिवासी बाहुल्य जिला है और अधिकांश आदिवासियों की मुख्य पूंजी उनकी भूमि ही है। जो न केवल उनकी आजीविका का सहारा भी है बल्कि साथ ही साथ उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। ऐसी स्थिति में डिंडोरी के पंजीयन कार्यालय में जहां पूर्व सावधानी के साथ विक्रय, हस्तांतरण की कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन वर्तमान स्थिति इसके बिल्कुल उलट है और प्रभारी सब रजिस्टार राजस्व कर्मियों और भू माफिया की संगठित गिरोह से आदिवासियों की भूमि लगातार छलपूर्वक छीने जाने की शिकायतें मिलती रहती है।

ऐसा ही एक मामला दर्री मोहगांव कि गरीब महिला रामबाई के साथ देखने को मिला जिसके नाम पर पहन. 29, खसरा न. 126,204,206,470/2 की भूमि थी और बाकायदा राजस्व अभिलेखों में राम बाई का नाम दर्ज था जिसे राजस्व अभिलेख से बिना किसी आदेश के राम बाई का नाम विलोपित कर दिया गया और रतिराम का नाम दर्ज कर दिया गया। बाद में रतिराम द्वारा फौरन उसे दूसरे के नाम विक्रय कर उसका नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है। अपने नाम को विलोपित होने से घबराई और परेशान महिला राम बाई ने अपने साथ किसी अन्याय को लेकर माननीय न्यायालय माननीय अनुविभागीय अधिकारी, डिंडोरी के यहां आवेदन प्रस्तुत किया। जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए संवेदनशील न्यायालय ने संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया जिसमें 1 सितंबर को न्यायालय में हाजिर होने को कहा है।

रामबाई के बताए अनुसार इस बात की सूचना लिखित रूप से राम बाई के द्वारा प्रभारी सब रजिस्ट्रार को दी गई और संभावित रजिस्ट्री को रोकने का लिखित निवेदन किया गया उसकी पावती भी ली गई साथ ही साथ यह भी मौखिक तौर पर सब रजिस्ट्रार बताया गया की आदिवासी महिला ठगी का शिकार हुई है। जिसके संबंध में वह कार्यवाही कर रही है और जब तक माननीय न्यायालय से कोई अंतिम निर्णय नहीं आ जाता तब तक संबंधित भूमि की रजिस्ट्री ना की जाए लेकिन प्रभारी सब रजिस्टार ने अपने संज्ञान में आई सारी बातों को अनसुना करते हुए न्यायालय में लंबित मामला होने और उसकी लिखित जानकारी होने के बाद भी विवादित भूमि की रजिस्ट्री कर दी। जिससे गरीब महिला प्रभारी सब रजिस्ट्रार की लापरवाही भ्रष्टाचारपूर्ण आचरण और पदीय कर्तव्यों की अवहेलना के कारण भूमिहीन हो गई और अब न्याय के लिए अपनी जमीन वापस लेने दर-दर भटक रही है और आस लगाए बैठी है।पीड़ित महिला का आरोप है कि इस पूरे मामले में भू माफियों के साथ हल्का पटवारी की साठगांठ की भी संभावना है। पटवारी की भूमिका सदिग्ध बताते हुए महिला का कहना है कि वह लगातार अपनी भूमि की स्थिति की जानकारी लेने की कोशिश में पटवारी से संपर्क करती रही पर उसके द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी गई, न ही वह पीड़ित महिला का फोन उठाता है और न ही कोई बात सुनने तैयार है जिससे भी पीड़ित महिला को काफी परेशान होना पड़ा।

सूत्रों की माने तो सब रजिस्ट्रार का कार्यालय जो प्रभारी के भरोसे चल रहा है, इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। जहां भू माफिया राजस्व कर्मियों और कार्यालय के साथ संगठित रूप से मोटी रकम लेकर इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। गरीब आदिवासियों से धोखाधड़ी कर उनकी जमीन छीन कर उन्हें भूमिहीन करने का काम लगातार हो रहा है। बार-बार समाचार के माध्यम से शासन-प्रशासन का ध्यान इस और दिलाने की कोशिश की गई, लेकिन सब बेकार और न जाने कितनी राम बाई जैसी पीड़ित और ठगी के शिकार लोग न्याय के लिए भटक रहे हैं। पंजीयक कार्यालय के आसपास दलालों का जमावड़ा और खुले रूप से लेन देन की चर्चाएं आमतौर पर सुनी जाती है। जिला प्रशासन को औचक निरीक्षण कर आदिवासी जिले में भूमि के क्रय विक्रय की प्रक्रिया से अनावश्यक रूप से सक्रिय दलालों और माफियाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाने चाहिए। गलत ढ़ंग से की जाने वाले रजिस्ट्री और विवादित लेन देन के मामलों की जांच करवा कर सम्बन्धित अधिकारियों पर भी कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए।

Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000
preload imagepreload image