सीवर लाइन से हो रही आम जानों को परेशानी

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जनपथ टुडे 06 जनवरी नगर में अमृत योजना के तहत सात वर्ष पूर्व सीवर लाइन प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी। इसे दो वर्ष में पूरा किया जाना था, जो कि अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस काम में कितना वक्त लगेगा इसका जवाब भी जिम्मेदारों के पास नहीं है। शहर का हाल ऐसा है कि जिस ओर नजर पड़ती है मिट्टी का ढ़ेर ही नजर आता है। हल्की बारिश में पूरा शहर दलदल में तब्दील हो जाता है। सीवर प्रोजेक्ट के नाम पर खुदाई और खनन का खेल लंबे समय से चल रहा है जो पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। शहर के सबसे व्यस्त बाजार क्षेत्र में सीवर लाइन का काम बिना बैरिकेटिंग शुरू कर दिया गया है, जिससे लोगों को परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओ को लेकर नगर परिषद ने संबंधित कंपनी को कई बार नोटिस भी जारी कर चुकी है। इसके बाद भी कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है।

जानकारी के अनुसार नगर में सीवर प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी। उस समय क़रीब 32 करोड़ की लागत से लाइन बिछाने का काम जिस कंपनी को दिया गया था, वह अधूरा काम छोड़कर चलती बनी। अब यह कार्य दूसरी कंपनी को सौंपा गया है। कंपनी के कर्मचारी शहर में कभी भी कहीं भी खुदाई शुरू कर देते हैं। यातायात के अलर्ट के बाद भी कंपनी ने बाजार क्षेत्र में सीवर लाइन का काम शुरू कर दिया है। स्थिति यह है कि मेन मार्केट में आए दिन भारी भरकम मशीन के कारण जाम की स्थिति निर्मित होती है। इसके अलावा नर्मदा गंज, कंपनी चौक, सिविल लाइन, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी पूरी तरह से खोदकर छोड़ दिया गया है। रात में वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सीवर प्रोजेक्ट के तहत जिला मुख्यालय में अभी तक केवल 8 सौ घरों के कनेक्शन मुख्य लाइन से जोड़े गए हैं, जबकि नगर परिषद में 3300 मकान दर्ज हैं। इनमे 2500 घरों को सीवर प्रोजेक्ट से जोड़ने का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक निर्धारित किया गया था, लेकिन निर्माण की मंथर गति के चलते काम अधूरा पड़ा है।

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