
धान धोखाधड़ी के आरोप में तीन पर एफआईआर
63 लाख की धान लेकर फरार हुये थे आरोपी समनापुर थाना का मामला
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 अप्रैल 2025-समनापुर थनान्तर्गत बैगा चक क्षेत्र में दो दर्जन आदिवासी महिला समूहों के साथ धान खरीदी में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया है।इनके नाम आदित्य कोल,किरण मरकाम और कमल पन्द्रों बतलाये गये हैं।फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना में जुटी है।जिसके बाद अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कस सकता है।गौरतलब है कि 21 मार्च को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैगाचक क्षेत्र से पहुंची आदिवासी महिलाओं ने लिखित शिकायत में बतलाया था कि एक बिचैलिया उनकी 63 लाख 87 हजार की धान लेकर फरार हो गया है। दो दर्जन से अधिक समूहों से एकत्र की गई धान का वजन 2279 क्विंटल बतलाया गया है। षिकायत में एक राजनैतिक पार्टी के पदाधिकारियों पर भी मिली भगत के आरोप लगाये गये है। हलाकि इस राजनैतिक पार्टी के लोगों ने मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की है। ठगी की षिकार महिलाओं ने बतलाया था कि आदित्य राज कोबरा पिता रामराज निवासी अब्दुल्ला गंज जिला रायसेन और किरण मरकाम निवासी तामिया छिंदवाडा ने समनापुर थाना अंतर्गत वन ग्राम झामुल , अंडई, खाम्ही, बरगांव, सलैया, बम्हनी, चांदरानी, ढ़लौनी, केवलारी, करेगांव , किवाड, बंजरा, डुंगरिया, ईष्वरपुर, बंगवार, आंहा, मुंगेला,दामीतितराहीऔर टिकरिया में महिला समूहो का गठन करवाया और इनके द्वारा क्षेत्र में धान खरीदी करवाई गई । बतलाया गया है कि प्रारंभिक समय में समूहों को 2800 रूपये क्विंटल धान के भाव से भुगतान किया गया । लेकिन जब आवक बढ़ने लगी तो आदित्य कोबरा ने भुगतान में देरी का बहाना बताया और समूहो के द्वारा खरीदी गई 2279 क्विंटल धान लेकर चंपत हो गया । लगातार संपर्क करने पर भी जब विचैलिया आदित्य राज ने आदिवासी महिलाओं समूह का भुगतान नही किया तो उन्होने पुलिस में ठगी की षिकायत की थी।शिकायत के आधार पर समनापुर थाना में धारा 318 और 3 (5) के तहत अपराध कायम कर सभी बिंदुओं पर विवेचना शुरू कर दी है।फिलहाल तीनों आरोपी फरार बतलाये गये हैं।
अन्य भी आएंगे कार्रवाई के दायरे में
आदिवासी महिलाओं से की गई इस बड़ी धोखाधड़ी के मामले में राजनैतिक दल और कथित सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका संदिग्ध देखते हुये यह किरदार भी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक विवेचना के दौरान अन्य कुछ लोगों पर भी आरोप तय हो सकते हैं। जिले में धोखाधड़ी करने वालों से कुछ स्थानीय लोगों के करीबी संबंधों की चर्चा है जिनके सहयोग से ही उक्त आरोपी ने गांव गांव में जाकर लोगों ठगने का काम किया, पुलिस मामले की जांच में उनकी भूमिका की पड़ताल करेगी जिसके बाद उनके खिलाफ भी कार्यवाही हो सकती है।