
स्वास्थ्य केन्द्र पर अनुपस्थित डॉक्टर
जनपथ टुडे डिंडोरो 1 मई।
करंजिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, डॉक्टर नहीं रहते और दवाइयां भी उपलब्ध नहीं होती हैं। हालात इतने खराब हैं कि मामूली बीमारी में भी मरीजों को डिंडौरी, मंडला या जबलपुर रेफर कर दिया जाता है, जिससे गरीब मरीजों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य केंद्र की समस्याएं:
- डॉक्टरों की अनुपलब्धता: बीएमओ हमेशा नदारद रहते हैं और अस्पताल का जिम्मा सीनियर स्टाफ नर्स पर होता है।
- दवाओं की कमी: स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक दवाइयां उपलब्ध नहीं होती हैं।
- सफाई व्यवस्था की बदहाली: अस्पताल में साफ-सफाई की स्थिति खराब है।
- बेड की कमी: अस्पताल में बेड की संख्या कम है और जो उपलब्ध हैं वे भी टूटे-फूटे हालत में हैं।
- पीने के पानी की समस्या: मरीजों के लिए पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है।
ओपीडी और जांच सुविधाओं की कमी: नियमित ओपीडी चलाने के लिए डॉक्टर और टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं हैं। एक्स-रे और पैथोलॉजी जैसी जांच सुविधाएं बंद या भगवान भरोसे चल रही हैं।
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाओं को लेकर वर्षों से शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हाल ही में, मध्य प्रदेश शासन ने एक्शन लेते हुए डॉ. चंद्रशेखर सिंह को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करंजिया में अटैच किया है, देखना होगा कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होता है या नहीं।