बॉक्साइट खनिज ब्लॉक अभिमत पर ग्राम पंचायत की आपत्ति

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ग्रामवासी की भी बॉक्साइट खनन पर आपत्ति 

बैगा आदिवासियों की जमीनें हड़पे जाने पर बबाल

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 1 मई 2025, डिंडोरी जिले के बजाग विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया माल में बॉक्साइट खदान पर खनन कार्य हेतु ग्राम पंचायत द्वारा खनन कार्य पर अभिमत देते हुए अपनी आपत्ति जिला कलेक्टर (खनिज शाखा) डिंडोरी को सौंप दी है। ग्राम पंचायत द्वारा दिए गए आपत्ति पत्र में लगभग एक सैकड़ा ग्रामवासियों के दस्तखत और अंगूठा निशान है, जिससे स्पष्ट है कि ग्रामवासी ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तुत आपत्ति के पक्ष में है। अब आगे की कार्यवाही खनिज विभाग को करना है। जैसा कि ज्ञात है कि उक्त क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे से यहां बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों की उपलब्धता की जानकारी आई थी किंतु यहां सरकार द्वारा ब्लॉक की नीलामी नहीं की गई बल्कि इस जानकारी के बाद निजी खनन कारोबारी सक्रिय हो गए और उनके द्वारा गांव की जमीनों की खरीद फरोख्त बड़े पैमाने पर की गई। पिछले दिनों ग्राम के बैगा आदिवासियों ने दलालों द्वारा धोखाधड़ी कर, कम कीमत पर और फर्जी तरीके से जमीनें खरीदे जाने के आरोप लगाते हुए, विशेष ग्रामसभा के माध्यम से खनन कार्य का विरोध करते हुए जिला कलेक्टर के नाम तहसीलदार बजाग को भूमि खरीद में गड़बड़ियों की जांच करने और खनिज माफिया और भूमि के दलालों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई इस विषय पर अब तक प्रशासन द्वारा की गई किसी कार्यवाही की जानकारी सार्वजनिक नहीं है। किंतु इस बीच ग्रामीणों की जमीनों को बचाने के प्रयास पंचायत और पेसा समिति द्वारा किए जा रहे है। ग्राम पंचायत पिपरिया माल द्वारा खनिज शाखा डिंडोरी के पत्र दिनांक 15 अप्रैल 2025 के संदर्भ में अभिमत देते हुए 26 अप्रैल 2025 को बॉक्साइट ब्लॉक पिपरिया (ईस्ट ब्लॉक) के खनन पर आपत्ति प्रस्तुत की है। ग्राम पंचायत पिपरिया द्वारा प्रस्तुत पत्र के अनुसार :

ग्राम पंचायत पिपरिया माल जनपद पंचायत बजाग द्वारा 26/04/2025 को कलेक्टर (खनिज शाखा) को पत्र देकर बाक्साइट खनिज ब्लाक का अनापत्ति/अभिमत नहीं दिए जाने का निवेदन किया है।

ग्राम पंचायत द्वारा प्रेषित पत्र में ग्रामवासियों के बड़ी संख्या में अंगूठा दस्तखत है पत्र में लेख है कि ग्राम पिपरिया माल तहसील बजाग में बाक्साइट खनिज ब्लाक पिपरिया के संबध में ग्राम पंचायत सरपंच/सचिव से अभिमत / अनापत्ति सुनिश्चित कर कार्यालय ने मांग की है। इस संबंध में ग्राम पंचायत पिपरिया का अभिमत है कि ग्राम पंचायत पिपरिया माल पांचवी अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र है एवं पेसा कानून 1996 तथा पेसा नियम 2022 म०प्र० लागू है। ग्राम पंचायत में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय निवास करता है। ग्राम पंचायत पिपरिया माल अंर्तगत 700 एकड़ से ज्यादा भूमि की खरीदी हुई है। 5 प्रतिशत लोग ही अपनी भूमि होश हवास से विक्रय किए है, 95 प्रतिशत भूमिस्वामी को गलत जानकारी देकर रजिस्ट्री कराई गई है। बैगा आदिवासी अशिक्षित है, उन्हें भूमि के मूल्य के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अधिकांश बैगा आदिवासियों को उनके खाते में पैसा जमा कराया जायेगा कह कर उन्हें रजिस्टार कार्यालय ले जाकर भूमि की रजिस्ट्री करा ली गईं है।बजाग और गांव के भूमि दलालों के द्वारा और भूमि स्वामियों से दस्तखत अंगूठा कराया गया जबकि भूस्वामी को नहीं पता कि मैं अपनी भूमि रजिस्ट्री कर रहा हूँ। किसी किसान को 30 हजार दिया गया और उसकी 22 एकड़ रजिस्ट्री कर ली गई, किसी किसान को 02 लाख दिया गया उसकी 07 एकड़, 15 एकड़ रजिस्ट्री करा ली गई है। अतः किसी प्रकार के खनन अभिमत के पूर्व इस मामले की सूक्ष्म जांच की जावे, बैगा आदिवासियों को न्याय दिया जावे।

उक्त भूमि में बहुमूल्य बाक्साइट है, शासन प्रशासन को इसकी जानकारी है। शासन उक्त स्थल पर बाक्साईट खनिज करना चाहता है तो भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत क्यों कार्यवाही नहीं की जाती। कानून के तहत सभी बैगा आदिवासियों को उनकी भूमि का बाजार मूल्य से चार गुना ज्यादा मुआवजा बनता साथ ही उनके पुर्नवास की व्यवस्था होती। लेकिन बाक्साईट की भूमि जिले से बाहर के व्यक्तियों के नाम दलालों के माध्यम से कैसे पंजीकृत हुई। इसमें प्रशासन द्वारा रोक क्यों नहीं लगाई गई।

ग्राम पंचायत पिपरिया माल में 2015 से अवैध तरीक से बैगाओं की भूमि कय की जा रही है, जिसमें स्थानीय बजाग के भूमि दलाल एवं पटवारी से लेकर भूमि पंजीयक तक सभी ने भूमि रजिस्ट्री में बैगा आदिवासियों को गलत जानकारी देकर अधिकांश रजिस्ट्री की है, यह जांच का विषय है। भूमि स्वामी विशेष अनुसूचित जनजाति बैगा समुदाय के है अतः भूमि पंजीयन में ग्रामसभा का अभिमत क्यों नहीं लिया गया।

दिनांक 11.04.2025 को ग्राम में विशेष ग्रामसभा आयोजित हुई जिसमें सर्वसम्मति से बाक्साइट परियोजना को निरस्त करने की कार्यवाही प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसकी छायाप्रति पत्र के साथ संलग्न है। अतः पिपरिया माल ग्राम पंचायत सीमा क्षेत्र व सीमावर्ती पड़ोसी ग्रामों में बाक्साइट खनन प्रकिया से जल, जंगल, जमीन और जनजाति जन समुदाय को हानि है। खनन प्रक्रिया से आस पास का पर्यावरण जीव जंतु जैव विविधता खेती, जड़ी बूटी नष्ट होगीं। बैगा जनजाति की पंरपरा, रीति रिवाज संस्कृति में प्रभाव पड़ेगा। ग्राम पंचायत पिपरिया माल पंचायत सीमा क्षेत्र में बाक्साइट खनन प्रक्रिया को नामंजूर करती है।

उक्त पत्र की प्रतिलिपि सरपंच द्वारा फागूलाल, अध्यक्ष पेसा ऐक्ट समिति पिपरिया, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, बजाग, क्षेत्रीय प्रमुख, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर को भी प्रेषित की गई है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के कीमती खनिजों के खनन को लेकर सहमत है किंतु खनिज माफियाओं और भू माफियाओं द्वारा जिस गलत ढंग से गरीब, अनपढ़, आदिवासी और बैगाओ की जमीनों को मिट्टी मोल खरीद कर कीमती खनिजों का खनन करने के प्रयास किए जा रहे है पंचायत और ग्रामवासी उसका विरोध कर रहे है और इस तरह आदिवासियों के शोषण के खिलाफ ग्राम पंचायत लगातार प्रयास कर रही है। ग्रामीणों की मांग है कि शासन उक्त भूमि को भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहीत कर ग्रामीणों को निर्धारित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था कर बॉक्साइट ब्लॉक की नीलामी करे ताकि ग्रामवासियों को राहत मिल सके और माफियाओं द्वारा किए जा रहे शोषण से आदिवासी और ग्रामीणों को सुरक्षित किया जाए। यह महत्वपूर्ण है कि शासन, प्रशासन आमलोगों और ग्रामीणों के हित में निर्णय ले और प्रदेश के आदिवासी बहुल इस शांतिप्रिय क्षेत्र को खनन माफियाओं और भू माफियाओं से सुरक्षित रखे जिससे जिले में शांति कायम रखी जा सके।


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