बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के दवा वितरण पर कार्रवाई होगी: फार्मेसी काउंसिल

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जनपथ टुडे डिंडोरी 09 अक्टूबर- भोपाल, 8 अक्टूबर 2025 मध्यप्रदेश राज्य फार्मेसी काउंसिल, भोपाल ने एक आवश्यक सूचना जारी करते हुए पूरे प्रदेश के अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स और फार्मेसियों को सख्त हिदायत दी है कि वे फार्मेसी अधिनियम 1948 के प्रावधानों का पालन करें। काउंसिल ने कहा है कि किसी भी प्रकार की दवा का वितरण या विक्रय केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट के माध्यम से ही किया जाना चाहिए।

काउंसिल के अनुसार अधिनियम की धारा 42 के तहत यह स्पष्ट है कि यदि कोई अपंजीकृत व्यक्ति मेडिकल प्रैक्टिशनर के निर्देशन पर भी दवाओं का वितरण करता पाया गया, तो उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा। ऐसे मामलों में न केवल जुर्माना बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Act 2023 के तहत अब इस नियम के उल्लंघन पर ₹1 लाख तक का जुर्माना अथवा जेल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा संबंधित फार्मेसी का पंजीकरण भी निरस्त किया जा सकता है।

म.प्र. फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार भव्या त्रिवेदी ने आदेश में कहा है कि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थान, अस्पताल, मेडिकल स्टोर संचालक और फार्मासिस्ट इस नियम का पालन सुनिश्चित करें। किसी भी स्थिति में अपंजीकृत व्यक्ति को दवा वितरण या विक्रय का अधिकार नहीं होगा।

काउंसिल ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर दोषी के विरुद्ध फार्मेसी अधिनियम 1948 की धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जिला स्तर पर भी निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि प्रदेश में अवैध रूप से संचालित मेडिकल स्टोर्स और अपंजीकृत फार्मासिस्टों पर अंकुश लगाया जा सके।

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