गुणवत्ता पर नहीं, जेब भरने पर है ध्यान ! — ग्राम पंचायत चिचरिंगपुर में घटिया सड़क निर्माण का मामला

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जनपथ टुडे डिंडोरी 11 अक्टूबर 2025 – प्रदेश में काबिज मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ग्रामीण इलाकों में विकास के लिए लाखों की योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं योजनाओं को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है। प्रदेश की सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के दावे करती है किंतु प्रशासन में बैठे निरंकुश अधिकारी सरकार की मंशा पर ग्रहण लग रहे हैं। फिलहाल ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत चिचरिंगपुर का सामने आया है जहां पंद्राम मोहल्ला में निर्मित हो रही 60 मीटर लंबी सीसी सड़क के निर्माण में जम कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी तकनीकी मापदंड और गुणवत्ता नियंत्रण के काम किया जा रहा है।

बिना बेस और बिना वाइब्रेटर के हो रही ढलाई

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में न तो बेस लेयर तैयार की गई है, और न ही नीचे प्लास्टिक शीट बिछाई गई, जो कि किसी भी सीसी सड़क की मजबूती का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। इसके बावजूद पंचायत वा ठेकेदार के द्वारा सीमेंट कंक्रीट की ढलाई शुरू कर दी गई है। निर्माण के दौरान वाइब्रेटर मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे कंक्रीट में खाली जगहें बन जाती हैं और सड़क कुछ ही महीनों में टूटने लगती है।

मिट्टी युक्त गिट्टी का इस्तेमाल — गुणवत्ता पर बड़ा प्रश्नचिह्न

सड़क निर्माण में मिट्टी से भरी गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे सड़क की गुणवत्ता और मजबूती पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। निर्माण कार्य स्थल पर कोई तकनीकी अमला मौजूद नहीं होता और न ही इंजीनियर वा एसडीओ द्वारा नियमित निरीक्षण किया गया है। कुल मिलाकर सरकारी योजना यहां मजाक बन चुकी है। “यदि जांच हो जाए तो सब सच सामने आ जाएगा। सूत्रों की माने तो ठेकेदार वा पंचायत के बीच मिलीभगत से घटिया निर्माण कराया जा रहा है..? जबकि सरकारी राशि लाखों में खर्च की जा रही है।

सरकारी योजना का उद्देश्य हो रहा विफल , सरकार की मंशा पर ग्रहण

प्रदेश की मोहन सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने, परिवहन सुविधा बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह योजनाएं शुरू की गई थीं। परंतु भ्रष्टाचार और निगरानी की कमी के चलते ये योजनाएं अपने मूल उद्देश्य से भटकती जा रही है।ग्रामीण विकास के लिए जारी राशि सप्लायर ठेकेदारों की जेबों में जा रही है.?

जिला प्रशासन को लेना होगा संज्ञान

अब देखना यह होगा कि जनपद पंचायत और जिला प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर क्या कदम उठाते हैं। जनता चाहती है कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो ताकि विकास कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और “आत्मनिर्भर भारत” की भावना वास्तविक धरातल पर उतर सके।

चिचरिंग पुर पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि हमारे यहां जितने भी सड़क बने हैं सभी जगह ऐसा ही बना है, केवल पानी और गिट्टी डालकर ऊपर से कंक्रीट किया गया है वाइब्रेटर नहीं चलाया गया है। सड़क मजबूत नहीं बनेगी जल्दी खराब हो जाएगी।

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