हाथों के बल चलकर माँ नर्मदा की परिक्रमा कर रहे हैं धरमपुरी महाराज

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जनपथ टुडे डिंडोरी 11 अक्टूबर 25 – पुण्यदाई सलिला मां नर्मदा के अनेकानेक भक्त हुए हैं जिन्होंने अपनी विचित्र शैलियों से माता नर्मदा की पूजा अर्चना और भक्ति करके लोगों को आश्चर्य चकित किया है आज आपको हम डिंडोरी के करंजिया में एक ऐसे संत से मिलाते हैं जो मां नर्मदा की अदभुत परिक्रमा कर रहे हैं।

भारत की पवित्र नदियों में नर्मदा ही एक ऐसी नदी है जिसे जीवंत होने का दर्जा प्राप्त हुआ है जिसकी बड़ी आस्था और विश्वास के साथ परिक्रमा की जाती है आज हम आपको एक ऐसे संत के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी परिक्रमा का संकल्प और भी असाधारण है। नर्मदा की 3500 किलोमीटर की परिक्रमा कुछ भक्त पैदल करते हैं, तो कुछ दंडवत होकर इस कठिन यात्रा को पूरा करते हैं। कुछ लोग वाहनों से भी परिक्रमा करते हैं लेकिन धरमपुरी महाराज हाथों के बल चलकर माँ नर्मदा की परिक्रमा कर रहे हैं । आस्था का ऐसा अद्भुत और दुर्लभ नजारा शायद ही आपने कभी देखा होगा।

धर्मपुरी महाराज ने अपना यह संकल्प अमरकंटक से शुरू किया है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि तपस्या है, समर्पण है। धर्मपुरी महाराज अपने शरीर की सीमाओं को पार कर अध्यात्म के शिखर पर पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी अदभुत परिक्रमा देखकर लोग भी हैरत में हैं।

स्थानी लोगों ने बताया कि अपने जीवन काल में उन्होंने कई संत देखे हैं किंतु इस तरह की परिक्रमा का संकल्प करके परिक्रमा पथ पर हाथों के बल चलते पहली बार किसी संत को देखा है।

महाराज धर्मपुरी का संकल्प पूर्ण हो उनकी परिक्रमा सहज और सरल बन जाए ऐसी हम माता नर्मदा से मनोकामना करते हैं।

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