कंचनपुर में आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य के भुगतान में अनियमितता, उपयंत्री और सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई

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उपयंत्री श्याम सुंदर सेन और सचिव लक्ष्मी प्रसाद यादव से जिला पंचायत सीईओ ने जारी किए ₹2,62,434 राशि वसूली के आदेश

संपादक प्रकाश मिश्रा

जनपथ टुडे डिंडौरी29 अक्टुबर 2025– जिला पंचायत डिंडौरी के न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी (पंचायत) द्वारा ग्राम पंचायत कंचनपुर से जुड़ा एक बड़ा प्रकरण सामने आया है, जिसमें आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितता पाई गई है। जांच में दोषी पाए गए उपयंत्री श्याम सुंदर सेन और सचिव लक्ष्मी प्रसाद यादव से कुल ₹2,62,434 की राशि वसूली का आदेश पारित किया गया है।

प्रकरण पंचायत प्रकरण क्रमांक 305 धारा 92/2025 के अंतर्गत दर्ज हुआ था। जनपद पंचायत शहपुरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा 12 मार्च 2025 को प्रस्तुत प्रस्ताव एवं सहायक विकास विस्तार अधिकारी की जांच रिपोर्ट दिनांक 27 अगस्त 2024 के अनुसार, आंगनवाड़ी निर्माण कार्य में नियम विरुद्ध ढंग से भुगतान किए जाने के प्रमाण मिले थे।

रिपोर्ट के अनुसार, ₹9.50 लाख की स्वीकृत राशि में से सामग्री के नाम पर ₹4,45,000 का भुगतान के.के. ट्रेडर्स के नाम से किया गया, जबकि उस समय संबंधित फर्म का GSTIN नंबर निष्क्रिय था। बावजूद इसके सचिव और सरपंच द्वारा बिल परीक्षण किए बिना भुगतान किया गया। वहीं मजदूरी मद में ₹1,78,763 का भुगतान महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत किया गया, जिसमें भी अनियमितताएं मिलीं।

जांच में पाया गया कि ग्राम डुंडीसरई में उपयंत्री श्याम सुंदर सेन द्वारा मस्टर रोल में फर्जी मजदूरी भुगतान दर्ज किया गया, जबकि वास्तविक कार्य नहीं कराया गया। इस प्रकार कुल ₹77,868 का फर्जी भुगतान पाया गया, जिसमें से ₹38,934 राशि सेन से वसूली योग्य ठहराई गई। इसी तरह सचिव लक्ष्मी प्रसाद यादव द्वारा निष्क्रिय GST नंबर वाले व्यापारी से 4.45 लाख का भुगतान कराया गया, जिसके चलते ₹2,23,500 की राशि वसूली योग्य पाई गई।

माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में भी इस मामले की सुनवाई हुई, जहां आदेश पारित कर अनावेदकगण को 50 प्रतिशत राशि जमा करने के निर्देश दिए गए थे, किंतु निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बावजूद राशि जमा नहीं की गई। परिणामस्वरूप न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विहित प्राधिकारी (पंचायत) जिला पंचायत डिंडौरी ने दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को आदेश पारित करते हुए दोनों दोषियों से वसूली का आदेश दिया। साथ ही आदेश के अनुसार यदि 7 दिवस के भीतर राशि जमा नहीं की जाती है, तो वसूली भू-राजस्व की भांति की जाएगी तथा पृथक से अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।

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