
मेकलसुता महाविद्यालय में आयोजित हुआ मध्यप्रदेश स्थापना दिवस

संपादक प्रकाश मिश्रा 8963976785
जनपथ टुडे डिण्डौरी 01 नवम्बर 2025 – स्थानीय मेकलसुता महाविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुन्दर निताई प्रभु युवा प्रचारक इस्कोन उज्जैन, विशिष्ट अतिथि श्रीनिवास आचार्य दास प्रचारक डिण्डौरी, डॉ. प्रदीप द्विवेदी रजिस्ट्रा एवं डॉ. बालस्वरूप द्विवेदी उपप्राचार्य रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. बिहारी लाल द्विवेदी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के शुभारंभ में अपनी संस्कृति के अनुसार दीपक प्रज्ज्वलित कर भगवान श्रीकृष्ण जी एवं मॉ सरस्वती जी के सानिध्य में देवाराधन किया गया। उसके पश्चात 151 दीपक प्रज्ज्वलित कर अपनी संस्कृति अपनी ज्ञान परम्परा का पालन करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि द्वारा बताया गया आज 01 नवम्बर 2025 भारत का दिल कहा जाने वाला राज्य मध्यप्रदेश का 70वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, आपने बताया कि हमारी संस्कृति, हमारी परम्पराऐं जो है उनका पालन करते हुए हमें राज्य के विकास में अपना योगदान देना है। मुख्य अतिथि ने बताया कि हमारी गौरवशाली विकास यात्रा का यह स्थापना दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण है, आज जिस तरह का आयोजन महाविद्यालय में किया गया है वह नितांत ही सराहनीय है कि हम अपनी संस्कृति से जुडकर अगर इस तरह के कार्यक्रम करते हैं तो वह निश्चित फलीभूत होता है। महाविद्यालय द्वारा ठाकुर जी की पूजा आरती एवं दीपदान का यह आयोजन मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हमारी गौरवशाली परम्परा को दिखाता है। उपप्राचार्य जी ने बताया कि यह स्थापना दिवस 01 नवम्बर 1956 में मध्यप्रदेश का गठन हुआ था और गठन के बाद ही यह राज्य अपनी सांस्कृति वैभव संपदा से परिपूर्ण आगे बढ़ता रहा। वर्तमान में देखते हैं तो हमारा मध्यप्रदेश एक सशक्त राज्य के रूप में स्थित है। जहॉ कृषि, सिंचाई, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण आदि अनेक क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है, वहीं श्रीअन्न के उत्पादन में आत्म निर्भरता के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में योगदान दिया है। रजिस्ट्रार ने बताया कि हमारा प्रदेश विकसित भारत के विजन और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है यहॉ हरित ऊर्जा, जल संरक्षण, डिजिटल गर्वनेश, और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहा है, वहीं हमारा प्रदेश एक आत्म निर्भर प्रदेश के रूप में उभर रहा है। अध्यक्षीय उदबोधन में प्राचार्य द्वारा बताया गया कि मध्यप्रदेश स्थापना दिवस से लेकर वर्तमान तक देखा जाय तो हमारा प्रदेश बैद्धिक, सांस्कृतिक और खनिज संपदा से परिपूर्ण रहा है। हमारा प्रदेश न केवल भौगौलिक रूप से देश का हृदय है बल्कि अपनी सांस्कृति परम्परा और प्रगति से भी भारत के विकास का केन्द्र बन चुका है। आज एकजुड प्रदेश समृद्ध प्रदेश का संकल्प लेकर हम सबको आगे बढ़ना होगा। राष्ट्र के विकस में हमको अपना योगदान देना होगा जब हमारा प्रदेश समृद्ध होगा और हम भी समृद्ध होंगे। हम अपनी सांस्कृति परम्परा को छोडकर पाश्चात्य परम्परा की ओर ना भागें। हमारा राज्य सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृति और पर्यटन के रूप में भी देश के हृदय में धड़क रहा है। आपने सभी छात्रों से आहृवान किया है कि हम सब एक होकर विकसित आत्म निर्भर और सशक्त मध्यप्रदेश के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभायेंगे। सामूहिक सहभागिता से अपनी मिट्टी, अपनी मातृभूमि अपने प्रदेश को सबसे आगे रखकर अग्रणी बनाने का प्रयास करेंगे।
इसी के साथ ही विज्ञान संकाय के प्रथम वर्ष के नवप्रवेशित छात्र छात्राओं का स्वागत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सभी छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियॉ दी गई जो कॉफी सारहनीय रहीं। कार्यक्रम पूर्ण भारतीय संस्कृति पर आधारित रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय का समस्त स्टॉफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।



